गौतम अडानी पत्नी प्रीति संग पहुंचे पुरी, ISKCON किचन में भक्तों के लिए खुद तैयार किया प्रसाद, बोले- 'यह सौभाग्य की बात है'
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी अपनी पत्नी प्रीति अडानी के साथ शनिवार को ओडिशा के पुरी पहुंचे और भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल हुए. यह नौ दिन चलने वाला पावन उत्सव शुक्रवार से शुरू हुआ है. अडानी दंपति ने श्रीजगन्नाथ मंदिर में दर्शन किए और ISKCON किचन में सेवा देते हुए हजारों श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद और भोजन तैयार करने में भाग लिया.

मशहूर उद्योगपति और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने शनिवार को अपनी पत्नी प्रीति अडानी के साथ ओडिशा के पवित्र तीर्थ पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा में भाग लिया. नौ दिवसीय इस भव्य उत्सव की शुरुआत शुक्रवार से हुई है, जिसमें देशभर से लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं. अडानी दंपति ने श्रीजगन्नाथ मंदिर में दर्शन किए और ISKCON किचन में स्वयं सेवा करते हुए भक्तों के लिए प्रसाद तैयार किया.
अडानी ग्रुप इस पूरे उत्सव के दौरान तीर्थयात्रियों और स्थानीय प्रशासन की मदद कर रहा है. उन्होंने ‘प्रसाद सेवा’ नाम से एक विशेष पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य भक्तों को स्वच्छ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है.
अडानी ने खुद किया सेवा का ऐलान
गौतम अडानी ने इस पावन अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी भावनाएं साझा करते हुए लिखा, “महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी की अनंत कृपा से हमें पुरीधाम की पावन रथ यात्रा के दौरान सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. यह केवल यात्रा नहीं, बल्कि भक्ति, सेवा और समर्पण का अलौकिक उत्सव है.'
उन्होंने आगे लिखा, “इस शुभ अवसर पर अडानी परिवार पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ लाखों श्रद्धालुओं की सेवा में जुटा है. हमारा संकल्प है कि हर भक्त को स्वच्छ, पौष्टिक और स्नेहपूर्वक परोसा गया भोजन प्राप्त हो, इसी उद्देश्य से हमने पुरीधाम में ‘प्रसाद सेवा’ की शुरुआत की है.'
40 लाख भोजन और विशेष सुविधा
इस वर्ष की रथ यात्रा के दौरान अडानी ग्रुप की सेवा पहल में लगभग 40 लाख मुफ्त भोजन और पेय पदार्थों का वितरण शामिल है. शहर में कई जगह बनाए गए फूड काउंटरों के ज़रिए श्रद्धालुओं को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके साथ ही गर्मी से राहत के लिए शीतल पेय भी वितरित किए जा रहे हैं.
सुरक्षा और स्वच्छता के लिए भी विशेष तैयारी
अडानी ग्रुप ने तीर्थ यात्रियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए लॉजिस्टिक और सुरक्षा सहयोग भी सुनिश्चित किया है. इसके तहत जैकेट्स, रेनकोट, कैप्स, छतरियां और फ्लोरेसेंट सेफ्टी वेस्ट्स वितरित किए जा रहे हैं. पुरी बीच की सफाई के लिए स्वयंसेवकों की मदद से प्लास्टिक वेस्ट क्लीन-अप ड्राइव भी चलाई जा रही है. साथ ही, पुरी बीच लाइफगार्ड महासंघ के कर्मचारियों को भी आवश्यक सहयोग दिया जा रहा है.
सेवा में जुटे हजारों स्वयंसेवक
इस सेवा कार्य को अडानी फाउंडेशन द्वारा पुरी जिला प्रशासन, ISKCON और कई स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से संचालित किया जा रहा है. अडानी ग्रुप इसे भारत की सार्वजनिक आध्यात्मिक परंपरा की निरंतरता के रूप में देखता है. गौतम अडानी ने इस सेवा को "आध्यात्मिक साधना" की संज्ञा देते हुए कहा “मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है, और सेवा ही आध्यात्मिक साधना है.'


