अंतरिक्ष से लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, फिर से चलने की कर रहे कोशिश, देखें Video
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो हाल ही में Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से लौटे हैं, पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण में फिर से चलना सीख रहे हैं. वे पहले भारतीय हैं जिन्होंने ISS तक यात्रा की. अंतरिक्ष से लौटने के बाद शरीर में बदलाव आते हैं, जिनसे उबरने के लिए वह पुनर्वास प्रक्रिया में हैं. शुक्ला 23 जुलाई तक क्वारंटीन में रहेंगे.

भारतीय वायुसेना (IAF) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से लौटने के बाद फिर से धरती पर चलने की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं. उनका यह प्रयास अंतरिक्ष यात्रा से लौटने के बाद शरीर की सामान्य स्थिति में वापसी का हिस्सा है.
अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय
आपको बता दें कि शुक्ला अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय हैं और पहले ऐसे भारतीय बने जिन्होंने ISS (International Space Station) तक की यात्रा की. उन्होंने Axiom-4 मिशन के तहत करीब 18 दिन अंतरिक्ष में बिताए.
सहारे से चलना सीख रहे हैं शुक्ला
सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में शुभांशु शुक्ला को दो लोगों के सहारे से चलते हुए देखा गया. यह वीडियो इस बात को दर्शाता है कि कैसे वह धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के साथ दोबारा सामंजस्य बिठा रहे हैं.
शरीर में होते हैं कई बदलाव
शुक्ला ने इंस्टाग्राम पर लिखा, "मुझे ढेर सारे संदेश मिले, सभी ने मेरी सेहत को लेकर चिंता जताई और शुभकामनाएं दीं. मैं सबका आभार व्यक्त करता हूं और एक अपडेट साझा कर रहा हूं." उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी के कारण शरीर में कई बदलाव होते हैं. जैसे कि शरीर में तरल का ऊपर की ओर खिंचाव (fluid shift), दिल की धड़कन में बदलाव, संतुलन की क्षमता में फर्क और मांसपेशियों में कमजोरी. ये सभी अंतरिक्ष के वातावरण में शरीर के अनुकूलन की प्रक्रिया हैं, और जब हम वापस पृथ्वी पर आते हैं तो शरीर को फिर से उसी प्रक्रिया से गुजरना होता है.
शरीर की अनुकूलन क्षमता से हुए प्रभावित
शुक्ला ने यह भी लिखा, "हर अंतरिक्ष यात्री का अनुभव अलग होता है, लेकिन शरीर जल्दी ही नए वातावरण के अनुसार ढलने लगता है. मुझे यह देखकर हैरानी हुई कि इंसानी शरीर कितनी तेजी से नई परिस्थितियों के अनुसार ढल सकता है." उन्होंने कहा कि "अज्ञात (अंतरिक्ष) की खोज में आप स्वयं को भी गहराई से जानने लगते हैं."
क्वारंटीन में रहेंगे सभी अंतरिक्ष यात्री
वहीं, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, शुभांशु शुक्ला समेत सभी चार अंतरिक्ष यात्री 23 जुलाई तक क्वारंटीन में रहेंगे. इस दौरान उनकी स्वास्थ्य जांच और पुनर्संयोजन (re-adaptation) की प्रक्रिया जारी रहेगी.
अंतरिक्ष मिशन की जानकारी
शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम 15 जुलाई की सुबह 5:31 न्यीयॉर्क समयानुसार कैलिफोर्निया के तट पर समुंद्र में सफलतापूर्वक उतरे.इस मिशन के साथ Axiom Space कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतरिक्ष को आम लोगों और देशों तक पहुंचाने की अपनी महत्वाकांक्षा को रेखांकित किया है.
Falcon 9 रॉकेट से हुआ था प्रक्षेपण
चार सदस्यीय टीम ने पिछले महीने NASA के फ्लोरिडा स्थित Kennedy Space Center से Falcon 9 रॉकेट द्वारा उड़ान भरी थी. यह Axiom की चौथी मानवयुक्त मिशन थी और पहली बार भारत, पोलैंड और हंगरी के यात्री अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचे.
क्रू में कौन-कौन थे शामिल?
इस ऐतिहासिक मिशन में शामिल अंतरिक्ष यात्री
शुभांशु शुक्ला (भारत)
पेगी व्हिटसन (अमेरिका) – मिशन कमांडर और Axiom की मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम निदेशक
स्लावोस्ज़ उज़नांस्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड)
तिबोर कापू (हंगरी)


