बलूचिस्तान में देवी सती का पवित्र स्थल, क्या पाकिस्तान की धरती पर है एक शक्ति पीठ?
बलूचिस्तान के रेगिस्तान में बसा है एक ऐसा मंदिर, जिसे लोग 'नानी का मंदिर' कहते हैं और माना जाता है कि यहां देवी सती का सिर गिरा था! ये जगह सिर्फ आस्था नहीं, बल्कि भारत-पाक की सांझी विरासत की एक मिसाल है. लेकिन उसी धरती पर आज चल रही है हिंसा और तनाव की कहानी. पूरा सच जानकर आप भी चौंक जाएंगे!

Hinglaj Mata Temple: भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते चाहे जैसे भी हों, लेकिन इनकी जमीन पर बसी विरासतें और आस्थाएं आज भी एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं. ऐसा ही एक उदाहरण है पाकिस्तान के बलूचिस्तान इलाके में स्थित हिंगलाज माता मंदिर, जिसे देवी सती के 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है.
हाल ही में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मंदिर के महत्व पर रोशनी डाली. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर बताया कि बलूचिस्तान का ये हिस्सा हिंगोल नेशनल पार्क में है, जहां पर ये मंदिर स्थित है. मान्यता है कि यहीं देवी सती का सिर गिरा था और इसी वजह से ये जगह शक्ति संप्रदाय के लिए बेहद पवित्र मानी जाती है.
सिंधी और भावसार समुदायों की आस्था की केंद्र
सीएम सरमा ने बताया कि सिंधी, भावसार और चारण जैसे समुदायों के लोग सदियों से इस मंदिर की कठिन यात्रा करते आए हैं. ये तीर्थस्थल भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जुड़ाव का एक अहम उदाहरण है. इतना ही नहीं, बलूच लोग भी इस मंदिर को “नानी मंदिर” कहकर सम्मान देते हैं. ये आपसी श्रद्धा और सांझी विरासत की एक मिसाल है.
धार्मिक से ज्यादा सांस्कृतिक महत्व
सीएम सरमा ने यह भी कहा कि ये मंदिर सिर्फ धार्मिक रूप से नहीं, बल्कि ऐतिहासिक तौर पर भी अहम है. ये स्थान इस बात का सबूत है कि बंटवारे से पहले इस क्षेत्र में हिंदुओं की मजबूत मौजूदगी थी.
बलूचिस्तान की हालत और भारत से उम्मीदब
लूचिस्तान आज पाकिस्तान का एक अशांत प्रांत है. आए दिन यहां हिंसा, विरोध और सरकारी दमन की खबरें आती रहती हैं. बलूच नेता अक्सर भारत से समर्थन की उम्मीद करते हैं और अपनी आज़ादी की लड़ाई को जायज़ ठहराते हैं. अभी हाल ही में, बलूचिस्तान के कई जिलों से तीन लोगों के शव बरामद हुए, जिनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी.
पंजगुर, वाशुक और कच्छी जैसे इलाकों में ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. इससे साफ होता है कि बलूचिस्तान में हालात बेहद गंभीर हैं. इन हत्याओं के पीछे कौन है, इसका अभी तक कोई साफ जवाब नहीं मिला है, लेकिन इन सबके बीच हिंगलाज माता मंदिर जैसी धार्मिक धरोहरें, उस धरती की पुरानी आत्मा को ज़िंदा रखे हुए हैं.


