इस राज्य में हुक्का बार पर बैन, खुले में गुटखा थूकने वालों पर भारी जुर्माना
कर्नाटक सरकार ने 21 वर्ष से कम आयु के लोगों को सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. अब तंबाकू खरीदने की न्यूनतम आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दी गई है. साथ ही राज्य में हुक्का बार खोलने पर भी पूरी तरह बैन है.

कर्नाटक सरकार ने तंबाकू उत्पादों पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. अब राज्य में 21 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को सिगरेट, हुक्का और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है. यह कदम राष्ट्रपति द्वारा सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2024 को मंजूरी देने के बाद संभव हुआ है. यह विधेयक फरवरी 2024 में कर्नाटक के विधान सभा और विधान परिषद दोनों सदनों से पारित किया गया था.
इस कानून के तहत तंबाकू उत्पाद खरीदने की न्यूनतम आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दी गई है. इसके अलावा, किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पूरी तरह से निषिद्ध कर दी गई है. यह प्रतिबंध सिगरेट, गुटखा, पान मसाला सहित अन्य सभी तंबाकू उत्पादों पर लागू होगा.
हुक्का बार खोलने पर सख्त सजा
कानून के तहत सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू उत्पादों का उपयोग करना भी मना है. सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना और गुटखा थूकना गैरकानूनी करार दिया गया है. इसके उल्लंघन पर जुर्माना 200 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और बढ़ेगी.
कर्नाटक में लागू हुआ नया कानून
इस संशोधित अधिनियम के सबसे महत्वपूर्ण प्रावधानों में से एक राज्य में हुक्का बार को पूरी तरह से प्रतिबंधित करना है. अब कोई भी व्यक्ति रेस्तरां, पब, बार या भोजनालय जैसे स्थानों पर हुक्का बार नहीं खोल सकेगा या चला नहीं सकेगा. यदि कोई इस नियम का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसे 1 से 3 साल तक की जेल की सजा और 50,000 से 1 लाख रुपये तक का भारी जुर्माना भुगतना पड़ेगा.
गुटखा थूकने पर अब 1,000 रुपये तक का फाइन
कर्नाटक सरकार ने इस कानून के जरिए युवाओं को तंबाकू की आदत से बचाने के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित बनाने का बड़ा प्रयास किया है. तंबाकू सेवन से होने वाली गंभीर बीमारियों को देखते हुए यह कदम बेहद जरूरी माना जा रहा है. यह कानून 2003 के केंद्र सरकार के तंबाकू नियंत्रण अधिनियम में संशोधन कर बनाया गया है. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसे राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर लागू कर दिया है. यह कदम न केवल कर्नाटक के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करता है, जो तंबाकू मुक्त समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
तंबाकू के दुष्प्रभावों को कम करना
इस कानून का उद्देश्य है तंबाकू के दुष्प्रभावों को कम करना और युवाओं को स्वास्थ्यवर्धक वातावरण उपलब्ध कराना. राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि तंबाकू नियंत्रण के नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. इस प्रकार, कर्नाटक ने तंबाकू नियंत्रण के मामले में एक मजबूत और प्रभावी कानून लागू कर समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाया है.


