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लालकिला के बाहर हुए ब्लास्ट में कितना विस्फोटक हुआ इस्तेमाल? गृह मंत्री अमित शाह ने किया बड़ा खुलासा

लाल किला क्षेत्र में हुए भीषण विस्फोट में 40 किलो विस्फोटक के इस्तेमाल का खुलासा हुआ है. एनआईए ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मामला ‘सफेदपोश’ आतंकी नेटवर्क से जुड़ा है और जांच जारी है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में लाल किला क्षेत्र में हुए भीषण विस्फोट को लेकर बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि इस आतंकी हमले में मामूली नहीं, बल्कि करीब 40 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल किया गया था. इस जानकारी के सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों और आम लोगों में गंभीर चिंता देखने को मिल रही है. यह खुलासा इस बात को रेखांकित करता है कि हमला कितनी गहरी साजिश और सुनियोजित तैयारी के साथ किया गया था.

40 किलो विस्फोटक से दहला इलाका

गृह मंत्री के अनुसार, विस्फोट की तीव्रता सामान्य आतंकी घटनाओं से कहीं अधिक थी. जांच में सामने आया कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक जुटाना और उसे कार में फिट करना, किसी संगठित आतंकी नेटवर्क की ओर इशारा करता है. विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसपास का इलाका दहल उठा और मौके पर अफरा-तफरी मच गई.

हुंडई i20 कार में हुआ आत्मघाती हमला

जांच एजेंसियों के मुताबिक, यह धमाका एक हुंडई i20 कार में हुआ था. कार की ड्राइविंग सीट पर आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी मौजूद था. जैसे ही कार तय स्थान पर पहुंची, विस्फोट हो गया. इस भीषण हमले में 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. कई घायलों को लंबे समय तक अस्पताल में इलाज कराना पड़ा.

एनआईए की जांच में बड़ा खुलासा

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले में अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में तीन डॉक्टर डॉ. मुज़म्मिल गनाई, डॉ. अदील राथर और डॉ. शाहीन सईद के साथ-साथ धार्मिक उपदेशक मौलवी इरफान भी शामिल है. इन गिरफ्तारियों ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है, क्योंकि इससे यह साफ हुआ कि आतंकी नेटवर्क में ‘सफेदपोश’ लोग भी शामिल थे.

‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश

यह पूरा मामला जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा उजागर किए गए एक तथाकथित ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है. जांच में सामने आया कि ये लोग समाज में सम्मानजनक पेशों से जुड़े होने के बावजूद पर्दे के पीछे आतंकियों को मदद पहुंचा रहे थे. कोई फंडिंग में शामिल था, तो कोई लॉजिस्टिक सपोर्ट और विचारधारात्मक समर्थन दे रहा था.

साजिश में यासिर की अहम भूमिका

जांच एजेंसियों ने बताया कि यासिर नाम का आरोपी इस पूरी साजिश में बेहद सक्रिय था. वह लगातार अन्य आरोपियों के संपर्क में था और हमले की योजना बनाने में अहम भूमिका निभा रहा था. यासिर के संबंध आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी और मौलवी इरफान जैसे प्रमुख आरोपियों से थे. कॉल रिकॉर्ड और डिजिटल सबूतों से उसके नेटवर्क की पुष्टि हुई है.

राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर सवाल

इस हमले ने एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकी नेटवर्क की गहराई पर सवाल खड़े कर दिए हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने साफ किया है कि सरकार ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए हुए है. उन्होंने कहा कि चाहे आरोपी कितना भी प्रभावशाली या पढ़ा-लिखा क्यों न हो, कानून के शिकंजे से कोई नहीं बचेगा.

आगे भी सख्त कार्रवाई के संकेत

सरकार और जांच एजेंसियों ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. आतंकी नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने के लिए जांच को और तेज किया गया है. यह मामला न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती है, बल्कि समाज को भी यह सोचने पर मजबूर करता है कि आतंकवाद अब केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि समाज के भीतर छिपकर काम कर रहा है.

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26 December 2025, 08:28 PM IST

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