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लालकिला ब्लास्ट में हुआ IED का इस्तेमाल, एनआईए ने एक के बाद किए कई बड़े खुलासे

एनआईए ने लाल किला विस्फोट में आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी की पहचान की और सहयोगी आमिर को गिरफ्तार किया. फोरेंसिक में कार और शव की पुष्टि हुई. 73 गवाहों से पूछताछ जारी है. कई राज्यों में जांच फैलाकर बड़े नेटवर्क की खोज की जा रही है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः लाल किला क्षेत्र में हुए धमाके की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को महत्वपूर्ण breakthrough मिला है. एजेंसी ने पुष्टि की है कि यह हमला एक वाहन-जनित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) के जरिए किया गया, जिसे खुद आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी चला रहा था. इस हमले में 13 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 30 से अधिक लोग घायल हुए थे.

कश्मीरी युवक आमिर राशिद अली की गिरफ्तारी

जांच के दौरान एनआईए को पता चला कि धमाके में इस्तेमाल की गई कार जम्मू-कश्मीर के पंपोर के संबूरा निवासी आमिर राशिद अली के नाम पर पंजीकृत थी. इसी आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया. एजेंसी का कहना है कि आमिर कुछ दिन पहले दिल्ली आया था ताकि वह उमर की मदद कर सके और उस कार की खरीद सुनिश्चित कर सके, जिसे बाद में विस्फोटक सामग्री से भरकर IED वाहन में तब्दील किया गया.

दोनों की मिलकर रची साजिश

प्राथमिक जांच में सामने आया है कि आमिर और उमर ने मिलकर इस हमले की विस्तृत योजना तैयार की थी. आमिर पर आरोप है कि उसने वाहन उपलब्ध कराया, जबकि उमर ने उसकी मदद से विस्फोटक तैयार किया और उसे अंजाम तक पहुंचाया.

फोरेंसिक रिपोर्ट से खुलासा

फोरेंसिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट ने महत्त्वपूर्ण तथ्य उजागर किए हैं. घटनास्थल पर कार में मिला जला हुआ शव उमर उन नबी का था. उमर फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय में जनरल मेडिसिन विभाग में सहायक प्रोफेसर था और मूल रूप से पुलवामा जिले का निवासी था. यह पुष्टि होने के बाद माना जा रहा है कि वह अकेले ही कार में बैठकर लाल किले की ओर बढ़ा और विस्फोट को अंजाम दिया.

उमर का एक और वाहन जब्त

एनआईए ने उमर से जुड़े एक और वाहन को भी जब्त किया है. इस गाड़ी की फोरेंसिक जांच जारी है और उम्मीद है कि इससे साजिश के और सबूत मिल सकते हैं.

चार संदिग्धों की रिहाई

जांच के बीच एनआईए ने हरियाणा के नूह से हिरासत में लिए गए चार लोगों, जिनमें तीन डॉक्टर—डॉ. रेहान, डॉ. मोहम्मद और डॉ. मुस्तकीम और एक उर्वरक व्यापारी दिनेश सिंगला को रिहा कर दिया.

एनआईए ने बताया कि प्रारंभिक संदेह होने के बावजूद जांच में इन व्यक्तियों और मुख्य आरोपी उमर के बीच कोई ठोस संबंध साबित नहीं हुआ. ये सभी पहले अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े थे और उमर के संपर्क में भी रहे थे, इसलिए पूछताछ की गई थी. साथ ही, एजेंसी यह भी पता लगा रही थी कि विस्फोटक सामग्री में उपयोग हुए रसायन कहीं उर्वरक व्यापारी से तो नहीं खरीदे गए थे.

विस्तृत नेटवर्क की तलाश जारी

अब तक एजेंसी 73 लोगों से पूछताछ कर चुकी है, जिनमें कई घायल प्रत्यक्षदर्शी भी शामिल हैं. दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस समेत कई एजेंसियों के साथ मिलकर एनआईए जांच को आगे बढ़ा रही है.

अधिकारियों का मानना है कि यह साजिश केवल दो लोगों तक सीमित नहीं है. इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय हो सकता है, जिसकी फंडिंग, लॉजिस्टिक सपोर्ट और योजना निर्माण की परतें खोलना बेहद ज़रूरी है.

एनआईए का लक्ष्य है कि इस हमले से जुड़े हर व्यक्ति की पहचान कर उसे कानून के हवाले किया जाए, ताकि राजधानी में हुए इस भीषण हमले का पूरा सच सामने आ सके.

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17 November 2025, 07:18 AM IST

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