score Card

Explainer: नरेन्द्र कैसे बने स्वामी विवेकानंद, किसने की अमेरिका जाने की व्यवस्था, जानें इनके जीवन से जुड़ी कई बातें

Explainer: स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था, स्वामी विवेकानंद ने बेहद कम उम्र में वेद और दर्शन शास्त्र का ज्ञान हासिल कर लिया था.

Shweta Bharti
Edited By: Shweta Bharti

हाइलाइट

  • किसने कराई अमेरिका जाने की टिकट
  • कब हुई रामकृष्ण परमंहस की मुलाकत?

Explainer: स्वामी विवेकानंद जयंती की पूरे देशभर में धूम मची हुई है. महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद ने भारत के उत्थान में अहम भूमिका निभाई थी, स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था. उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, बेहद कम उम्र में ही उन्होंने वेद और दर्शन शास्त्र का ज्ञान हासिल कर लिया था. उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त था.

पिता की मौत के बाद संभाली घर की जिम्मेदारी 

बेहद कम उम्र में ही उन्होंने वेद और दर्शन शास्त्र का ज्ञान हासिल कर लिया था. उनके पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के वकील थे. जबकि मां भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों वाली महिला थी, साल 1884 में पिता की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधो पर आ गई. 

किसने कराई अमेरिका जाने की टिकट

नरेंद्रनाथ 1871 में आठ साल की उम्र में स्कूल गए. 1879 में उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज की प्रवेश परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया था. उन्होंने 25 साल की उम्र में संन्यास लिया. जिसके बाद उनका नाम विवेकानंद पड़ा, तो वहीं खेतड़ी के राजा अजीत सिंह ने ही विवेकानंद का मुंबई से अमेरिका के लिए जहाज का टिकट बुक कराया था. 31 मई 1893 को जहाज से स्वामीजी शिकागो रवाना हो गए हैं.

कब हुई रामकृष्ण और विवेकानंद की मुलाकत?

रामकृष्ण परमंहस और स्वामी विवेकानंद की मुलाकात 1881 कलकत्ता के दक्षिणेश्वर के काली मंदिर में हुई थी, परमहंस ने उन्हें शिक्षा दी कि सेवा कभी दान नहीं बल्कि सारी मानवता में निहित ईश्वर की सचेतना आराधना होनी चाहिए. विवेकानंद जब रामकृष्ण परमहंस से मिले तो उन्होंने वही सवाल किया जो वो औरों से कर चुके थे. क्या आपने भगवान को देखा है, रामकृष्ण परमहंस ने जवाब दिया- हां मैंने देखा है, मैं भगवान को उतना ही साफ देख रहा हूं. जितना कि तुन्हें देख सकता हूं. कर्फ सिर्फ इतना है कि मैं उन्हें तुमसे ज्यादा गहराई से महसूस कर सकता हूं.

कैसे हुई मृत्यु?

स्वामी विवेकानंद को दमा और शुगर की बीमारी थी. उन्होंने कहा भी था, ये बीमारियां मुझे 40 साल भी पार नहीं करने देंगी, अपनी मृत्यु के बारे में उनकी भविष्यवाणी सच साबित हुई और उन्होंने 39 बरस की बेहद कम उम्र में 4 जुलाई 1902 को बेलूर स्थित रामकृष्ण मठ में ध्यानमग्न अवस्था में महासमाधि धारण कर प्राण त्याग दिए. स्वामी विवेकानंद का अंतिम संस्कार बेलूर में गंगा तट पर किया गया, इसी गंगा तट के दूसरी ओर उनके गुरु रामकृष्ण परमंहस का अन्तिम संस्कार हुआ था.

calender
12 January 2024, 09:03 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag