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कर्नाटक में BJP ने दो विधायकों को दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता, इस वजह से हुआ एक्शन

भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक के दो वरिष्ठ विधायकों एस. टी. सोमशेखर और ए. शिवराम हेब्बार को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है. केंद्रीय अनुशासन समिति ने कारण बताओ नोटिस का संतोषजनक जवाब न मिलने के बाद यह कदम उठाया. इस निर्णय ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है और पार्टी ने साफ कर दिया है कि अनुशासन से कोई समझौता नहीं होगा.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कर्नाटक की राजनीति में एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने दो वरिष्ठ विधायकों एस. टी. सोमशेखर और ए. शिवराम हेब्बार को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. पार्टी ने इन दोनों नेताओं पर अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का गंभीर आरोप लगाते हुए यह कार्रवाई की है.

बीजेपी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए बताया कि यह निर्णय पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा काफी सोच-विचार के बाद लिया गया है. उन्होंने कहा कि पार्टी की छवि और अनुशासन को बनाए रखने के लिए यह कदम आवश्यक था.

किन सीटों का प्रतिनिधित्व करते हैं?

एस. टी. सोमशेखर वर्तमान में यशवंतपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि ए. शिवराम हेब्बार येल्लापुर से विधायक हैं. ये दोनों नेता पूर्ववर्ती बीएस येदियुरप्पा सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं और राज्य की राजनीति में प्रभावशाली माने जाते हैं.

कारण बताओ नोटिस पर नहीं मिला संतोषजनक जवाब

बीजेपी की केंद्रीय अनुशासन समिति ने इन नेताओं को 25 मार्च 2025 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इस नोटिस में उनसे पार्टी के अनुशासन संबंधी उल्लंघनों पर स्पष्टीकरण मांगा गया था. लेकिन पार्टी को इन विधायकों की ओर से मिले जवाब संतोषजनक नहीं लगे.

केंद्रीय अनुशासन समिति के सचिव ओम पाठक द्वारा जारी आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि पार्टी ने उनके बार-बार के अनुशासन उल्लंघन को गंभीरता से लिया है और अब उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से छह वर्षों के लिए निष्कासित किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्हें किसी भी पार्टी पद से हटा दिया गया है.

अनुशासनहीनता को नहीं किया गया नजरअंदाज

बीजेपी अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से अनुशासन की सख्त अपेक्षा रखती है. पार्टी के अनुसार, इन दोनों विधायकों की गतिविधियाँ लगातार पार्टी लाइन के खिलाफ रही हैं. सूत्रों के अनुसार, ये विधायक हाल ही में पार्टी की बैठक से दूरी बना रहे थे और सार्वजनिक मंचों पर सरकार या नेतृत्व की आलोचना करते देखे गए थे. इससे पार्टी को न केवल अंदरूनी तौर पर अस्थिरता का सामना करना पड़ा, बल्कि बाहर भी उसकी छवि प्रभावित हुई.

राजनीतिक गलियारों में हलचल

बीजेपी द्वारा उठाए गए इस कदम से कर्नाटक की राजनीति में हलचल मच गई है. यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब राज्य में आगामी स्थानीय चुनावों की तैयारी चल रही है और पार्टी अपनी रणनीति को धार देने में जुटी है. इससे एक तरफ पार्टी का संदेश साफ है कि अनुशासन से समझौता नहीं होगा, वहीं दूसरी ओर विपक्ष को भी एक बार फिर से सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधने का मौका मिल सकता है.

आगे क्या हो सकता है?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इन विधायकों का आगे का रुख यह तय करेगा कि वे किसी अन्य पार्टी में शामिल होते हैं या निर्दलीय तौर पर अपनी राजनीतिक राह तय करते हैं. हालांकि बीजेपी ने साफ कर दिया है कि संगठन में अनुशासन सर्वोपरि है और किसी भी कीमत पर पार्टी विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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27 May 2025, 03:54 PM IST

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