Independence Day 2025: केसरिया पगड़ी, तिरंगा स्टोल और भगवा जैकेट...लालकिले से इस अंदाज में पीएम मोदी ने दिया बड़ा संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से 12वां संबोधन दिया. उन्होंने केसरिया पगड़ी और तिरंगा स्टोल पहनकर राष्ट्र को आत्मनिर्भरता का संदेश दिया. पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उल्लेख करते हुए मेड इन इंडिया की ताकत और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सामने रखा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने विशिष्ट अंदाज में लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने लगातार 12वें संबोधन में केसरिया पगड़ी पहन कर स्वतंत्रता दिवस मनाया. पीएम मोदी ने सफेद कुर्ता और चूड़ीदार के साथ भगवा बंद गले की जैकेट और तिरंगा स्टोल पहना था.
स्वतंत्रता दिवस पर पगड़ियां बनीं अलग परंपरा
प्रधानमंत्री मोदी की स्वतंत्रता दिवस की पगड़ियां अब एक अलग ही परंपरा बन गई हैं. पिछले साल, उन्होंने एक चटक राजस्थानी लहरिया पगड़ी पहनी थी जो नारंगी, पीले और हरे रंगों में लहरा रही थी, जो परंपरा का प्रतीक है और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है. 2023 में उन्होंने पीले, हरे और लाल रंगों में एक बांधनी प्रिंट चुना और इसे काले वी-नेक जैकेट के साथ पहना. 2022 में, उन्होंने लाल रूपांकनों वाली केसरिया पगड़ी और एक लहराती पूंछ पहनी, जिसे उन्होंने नीले जैकेट और स्टोल के साथ पहना.
कब कौन सी पगड़ी पहनी?
2021 में एक क्रीम और केसरिया पगड़ी ने उनके आधे बाजू के कुर्ते को पूरक बनाया, जबकि 2020 में उन्होंने महामारी के दौरान केसरिया रंग के किनारे वाले एक सफेद दुपट्टे को चेहरे को ढकने के लिए इस्तेमाल किया. 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में उनके पहले स्वतंत्रता दिवस पर चटक लाल जोधपुरी बंधेज पगड़ी पहनी गई थी. इसके बाद के वर्षों में रंगों का एक बहुरूपदर्शक आया. 2015 में पीले और बहुरंगी क्रिसक्रॉस पगड़ी से लेकर 2016 में गुलाबी-पीले रंग के टाई-एंड-डाई संस्करण तकऔर 2017 में एक चटक लाल और पीले रंग की पगड़ी तक. सैफ्रन ने 2018 में एक शक्तिशाली, विलक्षण बयान दिया.
ऑपरेशन सिंदूर में मेड इन इंडिया ने किया कमाल
पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि गुलामी ने हमें गरीब बना दिया था. आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है. इसलिए हमारे सामर्थ्य को बचाए रखने बनाए रखने और बढ़ाए रखने के लिए आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है. हमने ऑपरेशन सिंदूर में देखा कि मेड इन इंडिया ने कमाल कर दिया. दुश्मन को भी पता नहीं चला कि कौन-कौन से हथियार थे. अगर हम आत्मनिर्भर ना होते, क्या ऑपरेशन सिंदूर इतनी तीव्र गति से कर पाते. पता नहीं कौन साजो-सामनान मिलेगा, इसकी चिंता बनी रहती. लेकिन हमें मेड इन इंडिया की शक्ति सेना के हाथ में दी इसलिए बिना चिंता, बिना रुकावट, बिना हिचकिचाहट, हमारी सेना अपना पराक्रम करती रही. ये पिछले 10 साल से लगातार डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का मिशन लेकर चले हैं.


