दिल्ली में भारत-जापान के रक्षा मंत्रियों की बड़ी बैठक, आतंकवाद से लेकर चीन तक पर होगी बात
भारत और जापान के रक्षामंत्रियों की दिल्ली में बड़ी मुलाकात होने जा रही है — जहां आतंकवाद, चीन की हरकतें और इंडो-पैसिफिक की सुरक्षा पर जमकर चर्चा होगी. दोनों देशों के बीच कुछ बड़े फैसले भी हो सकते हैं... जानिए क्या है इस मीटिंग की असली अहमियत — पूरी खबर पढ़ना ज़रूरी है!

India-Japan Meeting: सोमवार को नई दिल्ली में एक अहम मुलाकात होने जा रही है. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जापान के रक्षा मंत्री जन नाकातानी आपस में मिलकर कई बड़े मुद्दों पर बातचीत करेंगे. इस मुलाकात की खास बात यह है कि इसमें सिर्फ रक्षा ही नहीं, बल्कि आतंकवाद, चीन की बढ़ती गतिविधियां, इंडो-पैसिफिक की सुरक्षा और दोनों देशों की सेनाओं की आपसी साझेदारी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी.
पहलगाम हमले के बाद बढ़ी चिंता, आतंकवाद पर साझा रणनीति की तैयारी
जैसा कि सभी जानते हैं, हाल ही में हुए पहलगाम हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस बैठक में उस हमले के बाद के हालात और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने की ज़रूरत पर जोर दिया जाएगा. जापान ने इस हमले के बाद भारत का साथ देने की बात कही थी. जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु ईशिबा ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर अपनी संवेदना जताई थी.
सेनाओं के बीच आपसी सहयोग बढ़ेगा, साझा बेस इस्तेमाल पर चर्चा
भारत और जापान की सेनाओं के बीच Reciprocal Provision of Supply and Services Agreement यानी "सप्लाई और सर्विस साझा करने का समझौता" भी इस बातचीत का बड़ा हिस्सा रहेगा. अगर यह समझौता पक्का हो जाता है तो दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल मरम्मत, रसद और अन्य सुविधाओं के लिए कर सकेंगी. इससे दोनों की रक्षा क्षमता में जबरदस्त इज़ाफा होगा.
चीन की चालों पर भी होगी खास नजर
बातचीत में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी, खासकर पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में हो रही गतिविधियों पर भी फोकस रहेगा. ये इलाके रणनीतिक रूप से बहुत अहम हैं, और दोनों देश चाहते हैं कि इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और कानून का राज बना रहे. भारत और जापान, दोनों इस बात को लेकर एकमत हैं कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में किसी भी देश की दादागिरी नहीं चलनी चाहिए.
भारत-पाक तनाव के बीच बढ़ती साझेदारी को मिलेगी मजबूती
भारत और पाकिस्तान के बीच इन दिनों माहौल गर्म है. बयानबाज़ी तेज है और माहौल तनावपूर्ण. ऐसे में भारत और जापान जैसे लोकतांत्रिक देशों की आपसी नज़दीकी और रणनीतिक तालमेल बहुत मायने रखता है. यह बैठक ना सिर्फ दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करेगी, बल्कि दुनिया को भी यह संदेश देगी कि शांति और सुरक्षा के लिए साझेदारी सबसे बड़ा हथियार है.


