भारत ने गंवाया राफेल! फ्रांसीसी वायुसेना प्रमुख का दावा उड़ा देगा होश
मई 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए हवाई संघर्ष को लेकर अब एक बड़ा और चौंकाने वाला दावा सामने आया है. पाकिस्तानी वायुसेना भले ही तीन राफेल जेट गिराने का दावा करती रही हो, लेकिन भारत ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की. मगर अब फ्रांस की वायुसेना के चीफ जनरल जेरोम बेलांगर ने इस पूरे मामले में सनसनीखेज खुलासा कर दिया है.

भारतीय वायुसेना (IAF) का राफेल लड़ाकू विमान एक बार फिर सुर्खियों में है. मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई लड़ाई के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना ने दावा किया था कि उसने भारत के तीन राफेल सहित पांच फाइटर जेट मार गिराए. भारत ने इस दावे को खारिज किया, लेकिन अब फ्रांस की ओर से आया बयान इस मामले को नई दिशा देता दिख रहा है.
दरअसल, फ्रांसीसी वायुसेना प्रमुख जनरल जेरोम बेलांगर ने एक बड़ा खुलासा करते हुए स्वीकार किया है कि भारत ने इस संघर्ष के दौरान एक राफेल फाइटर जेट खोया है. यह अब तक का पहला राफेल कॉम्बैट लॉस है, जो किसी देश के साथ बिक्री के बाद युद्ध में हुआ हो. उन्होंने कहा कि राफेल का नुकसान वाकई चिंता का विषय है और इससे राफेल खरीदने वाले देशों में हलचल मच गई है.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुआ नुकसान
भारत द्वारा 7 मई 2025 को शुरू किए गए "ऑपरेशन सिंदूर" के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई झड़पें तेज़ हो गई थीं. पाकिस्तान ने दावा किया कि उसके J-10C मल्टी-रोल फाइटर जेट्स ने PL-15E लॉन्ग रेंज मिसाइल से भारत के पांच विमानों को मार गिराया. इसमें तीन राफेल, एक मिराज 2000 और एक सुखोई-30 MKI शामिल था. पाकिस्तान ने इस दावे का कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया, लेकिन चीन ने इस दावे को प्रचारित करने में पूरा साथ दिया. भारत सरकार और राफेल निर्माता दसॉल्ट एविएशन ने अब तक किसी नुकसान की आधिकारिक पुष्टि नहीं की थी. लेकिन फ्रांसीसी एयर चीफ का बयान अब इस दावे को मजबूती दे रहा है.
यह राफेल का पहला युद्धकालीन नुकसान है”-फ्रांस
जनरल बेलांगर ने अमेरिकी मीडिया एजेंसी एपी से बात करते हुए कहा, मैंने साक्ष्य देखे हैं कि भारत ने एक मिराज 2000, एक रूसी सुखोई और एक राफेल फाइटर जेट खोया है.” उन्होंने आगे कहा, “यह राफेल की अब तक की पहली युद्धकालीन क्षति है, जिसे आठ देशों को बेचा गया है. जाहिर है, इन सभी देशों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है.”
दसॉल्ट CEO ने बताई तकनीकी वजह
इसी कड़ी में दसॉल्ट एविएशन के CEO ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने राफेल की गिरावट के पीछे “हाई-एल्टीट्यूड टेक्नोलॉजिकल फेलियर” यानी उच्च ऊंचाई पर तकनीकी विफलता को जिम्मेदार बताया है. उनका कहना है कि अत्यधिक ऊंचाई और मौसमीय स्थितियों के चलते राफेल के कुछ सिस्टम ने प्रतिक्रिया देना बंद कर दिया, जिससे हादसा हुआ. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि राफेल की डिजाइन और तकनीकी बनावट को और मजबूत बनाने के लिए फ्रांस सरकार और दसॉल्ट मिलकर काम कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके.
क्या खरीददार देशों का भरोसा डगमगाएगा?
फ्रांसीसी वायुसेना प्रमुख की इस स्वीकारोक्ति के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या भारत, कतर, मिस्र और इंडोनेशिया जैसे देशों का राफेल पर से भरोसा डगमगाएगा? भारत ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदे थे, जिनमें से अधिकतर अंबाला और हाशिमारा बेस पर तैनात हैं. हालांकि, भारत सरकार की ओर से अब तक किसी राफेल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन फ्रांस का यह बयान आने वाले दिनों में नई बहस को जन्म दे सकता है.


