पहले अपने घर में झांको...यूएन में भारत ने पाकिस्तान को मानधिकार के उपदेश पर सुनाई खरी-खरी, दिखाया PoK का आईना
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि पीओके में मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद करे. भारत ने जम्मू-कश्मीर को अपना अभिन्न हिस्सा बताया और वैश्विक समुदाय से एकजुट होकर न्याय, सुरक्षा और बहुपक्षीय सहयोग सुनिश्चित करने का आह्वान किया. पाकिस्तान से पीओके में हिंसा रोकने की भी मांग की गई.

नई दिल्लीः संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को फिर एक बार स्पष्ट संदेश दिया है. भारत ने पाकिस्तान से सीधे-सीधे कहा कि वह पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद करे और वहां की आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करे. भारत ने यह भी दोहराया कि वह पूरे विश्व को एक परिवार मानता है और सभी समाजों और समुदायों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखता है.
पीओके में मानवाधिकार का हनन क्यों?
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरीश पार्वथानेनी ने कहा कि पीओके में लोग सरकार और सेना की दमनकारी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पाकिस्तान की सेना इन विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए हिंसक कदम उठा रही है, जिसमें कई लोगों की जानें भी गई हैं. भारत ने पाकिस्तान से इन हिंसक कार्रवाइयों को रोकने और वहां की जनता के मौलिक अधिकारों का सम्मान करने का आह्वान किया.
जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ संबंध
हरीश पार्वथानेनी ने जोर देकर कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है. उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर के लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक ढांचे के अनुसार अपने अधिकारों का प्रयोग कर रहे हैं. भारत यह भी मानता है कि लोकतांत्रिक अधिकारों और स्वतंत्रता की ये अवधारणाएं पाकिस्तान के लिए अपरिचित हैं.
दुनिया एक परिवार
पार्वथानेनी ने कहा कि भारत पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखता है और यही दृष्टिकोण भारत की विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी का आधार है. उन्होंने बताया कि भारत हमेशा न्याय, सम्मान, अवसर और समृद्धि के लिए काम करता रहा है. यही कारण है कि भारत बहुपक्षवाद और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में विश्वास रखता है.
मदद का वादा
हरीश पार्वथानेनी ने संयुक्त राष्ट्र में सभी सदस्य देशों से अपील की कि वे एकजुट होकर संयुक्त राष्ट्र को नए युग के लिए अधिक प्रभावी और उपयुक्त बनाने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ हमेशा खड़ा रहेगा और अपनी विशेषज्ञता तथा अनुभव के माध्यम से सभी क्षेत्रों में मदद करता रहेगा.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए पीओके में मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने की मांग की. साथ ही, भारत ने विश्व समुदाय को एकजुट होने और बहुपक्षवाद तथा सहयोग के जरिए न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आमंत्रित किया. भारत ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा और वहां के लोग संविधान के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करेंगे.


