रूस के राष्ट्रपति पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा के बाद मॉस्को के लिए रवाना
रूस के राष्ट्रपति पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा के बाद मॉस्को के लिए हुए रवाना. भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर स्वयं एयरपोर्ट पहुंचे और औपचारिक रूप से उन्हें अलविदा कहा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा संपन्न करने के बाद पालम तकनीकी हवाई अड्डे से स्वदेश लौटने के लिए उड़ान भरी. उनकी विदाई के लिए भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर स्वयं एयरपोर्ट पहुंचे और औपचारिक रूप से उन्हें अलविदा कहा. इस उच्च-स्तरीय यात्रा के दौरान पुतिन ने कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लिया व द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने वाली चर्चाएं कीं.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने क्या कहा?
यात्रा के समापन से कुछ घंटे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि भारत ने रूस के साथ बातचीत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की तत्काल आवश्यकता पर विशेष बल दिया. उन्होंने कहा कि बदले हुए वैश्विक माहौल और नई वास्तविकताओं को देखते हुए सुरक्षा परिषद की संरचना में बदलाव अब समय की मांग है. भारत ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर दोनों देशों के बीच उन मंचों पर सहयोग और भी मज़बूत होना चाहिए, जहां भारत और रूस दोनों ही सदस्य हैं. इन मंचों में ब्रिक्स, एससीओ और जी-20 जैसे संगठन भी शामिल हैं.
#WATCH | Delhi: Russian President Vladimir Putin leaves from Delhi after concluding his 2-day State visit to India
— ANI (@ANI) December 5, 2025
EAM Dr S Jaishankar sees him off at the airport pic.twitter.com/KR2vRfSMLg
नई दिल्ली प्रवास के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने भारत-रूस व्यापार मंच को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग की सराहना की और कहा कि व्यापार, निवेश और ऊर्जा साझेदारी में पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. उन्होंने भारतीय उद्योग जगत और रूसी कंपनियों को एक-दूसरे के साथ नए अवसरों को तलाशने का आह्वान किया. पुतिन ने यह भी कहा कि द्विपक्षीय सहयोग सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि रक्षा, अंतरिक्ष, शिक्षा और विज्ञान जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी यह साझेदारी निरंतर मजबूत हो रही है.
पीएम मोदी के निमंत्रण पर भारत आए थे पुतिन
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर पुतिन 4 और 5 दिसंबर को 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आए थे. इस सम्मेलन में दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी को और अधिक गहरा करने के लिए कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. शिखर बैठक के दौरान हुए समझौतों और वार्ताओं ने आने वाले वर्षों में भारत-रूस संबंधों को एक नई गति देने की उम्मीद जगाई है.
भारत यात्रा के समापन पर पुतिन ने भारतीय नेतृत्व का आभार जताते हुए कहा कि रूस भारत को अपना विश्वसनीय मित्र मानता है और दोनों देशों की दोस्ती समय की कसौटी पर हमेशा खरी उतरी है. उनके प्रस्थान के साथ ही इस महत्वपूर्ण द्विपक्षीय यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हो गया.


