ऑपरेशन सिंदूर में काल बनकर बरसे भारतीय हथियार, आत्मनिर्भर भारत को मिली रफ्तार, रक्षा निर्यात में जबरदस्त उछाल
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का रक्षा निर्यात ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है. इस साल देश ने कुल ₹23,622 करोड़ के रक्षा उत्पादों का निर्यात किया, जो 2013-14 के ₹686 करोड़ की तुलना में 34 गुना ज्यादा है. यह सालाना आधार पर 12.04% की वृद्धि को दर्शाता है.

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए भारत के रक्षा निर्यात ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 23,622 करोड़ रुपये के ऐतिहासिक स्तर को छू लिया है. यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 21,083 करोड़ रुपये की तुलना में 2,539 करोड़ रुपये अधिक है, यानी 12.04% की वृद्धि. गौर करने वाली बात यह है कि यह 2013-14 के 686 करोड़ रुपये की तुलना में 34 गुना अधिक है, जो भारत के रक्षा क्षेत्र में हुए क्रांतिकारी बदलाव को दर्शाता है.
यह उपलब्धि ऐसे समय में सामने आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं. पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके में की गई सैन्य कार्रवाई—ऑपरेशन सिंदूर—ने ‘मेक इन इंडिया’ हथियारों की मारक क्षमता को साबित कर दिया है.
‘मेड इन इंडिया’ हथियार
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सैन्य बलों ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया. इस ऑपरेशन में भारत में बने हथियारों और तकनीकों का इस्तेमाल किया गया, जिससे उनकी प्रभावशीलता और सटीकता पर दुनिया का भरोसा बढ़ा है.
निजी कंपनियों और DPSUs दोनों का बड़ा योगदान
वित्त वर्ष 2024-25 में डिफेंस एक्सपोर्ट्स में निजी क्षेत्र का योगदान 15,233 करोड़ रुपये रहा, जबकि डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (DPSUs) ने 8,389 करोड़ रुपये का निर्यात किया. यह पिछले वर्ष की तुलना में एक बड़ा उछाल है, जब DPSUs ने 5,874 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट किया था. इस तरह DPSUs के प्रदर्शन में 42.85% की वृद्धि दर्ज की गई है.
80 देशों तक पहुंचा भारत का डिफेंस निर्यात
रक्षा मंत्रालय ने X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी, “भारत अब लगभग 80 देशों को रक्षा उत्पाद निर्यात कर रहा है और 2029 तक ₹50,000 करोड़ के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अग्रसर है.” यह भारत के वैश्विक रक्षा उत्पादन नेटवर्क में गहरी पैठ और बढ़ती विश्वसनीयता को दर्शाता है.
अब आयात पर नहीं, आत्मनिर्भरता पर जोर
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत अब भारी रक्षा आयात पर निर्भर नहीं है, बल्कि घरेलू उत्पादन और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चुका है. गोला-बारूद, हथियार प्रणाली, सबसिस्टम, कंपोनेंट्स जैसे विविध रक्षा उत्पाद अब भारत से निर्यात किए जा रहे हैं, जो इसकी निर्माण क्षमताओं को दर्शाता है.
निर्यात परमिशन प्रक्रिया में भी तेजी
डिफेंस प्रोडक्शन डिपार्टमेंट द्वारा FY 2024-25 में कुल 1,762 एक्सपोर्ट ऑथराइजेशन जारी किए गए, जो पिछले वर्ष के 1,507 की तुलना में 16.92% अधिक है. इसके अलावा, रक्षा निर्यातकों की संख्या में भी 17.4% की वृद्धि दर्ज की गई है.
नीति सुधारों ने खोला वैश्विक बाजार का रास्ता
सरकार ने हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव किए हैं, जिनमें औद्योगिक लाइसेंसिंग प्रक्रिया को आसान बनाना, कुछ कंपोनेंट्स को लाइसेंस से मुक्त करना और लाइसेंस की वैधता अवधि को बढ़ाना शामिल है. साथ ही, एक्सपोर्ट ऑथराइजेशन की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) को सरल बनाकर भारत की निर्यात क्षमता को और मजबूत किया गया है.


