किराना हिल्स पर भारत का मिसाइल हमला साबित, सैटेलाइट इमेज से खुला पाकिस्तान का झूठ
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को आधिकारिक रूप से आतंकी संगठन घोषित कर दिया है. TRF को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा माना जाता है. इस फैसले पर अब चीन ने सतर्क प्रतिक्रिया दी है. चीन ने जहां एक तरफ आतंकवाद की निंदा की, वहीं उसने TRF या लश्कर का नाम लेने से बचते हुए सिर्फ इतना कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए क्षेत्रीय सहयोग बेहद जरूरी है.

जून 2025 में गूगल अर्थ से प्राप्त ताजा सैटेलाइट इमेज में पाकिस्तान के सरगोधा जिले स्थित किराना हिल्स क्षेत्र में मिसाइल हमले के प्रमाण सामने आए हैं. इन तस्वीरों का विश्लेषण और खुलासा प्रसिद्ध सैटेलाइट इमेजरी विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर किया है. यह दावा ऐसे समय में सामने आया है जब भारतीय वायुसेना ने सार्वजनिक रूप से इस क्षेत्र को निशाना बनाने से इनकार किया था.
माना जा रहा है कि यह हमला मई 2025 में भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा था. किराना हिल्स, पाकिस्तान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों से जुड़ा एक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है, इसलिए इस हमले की पुष्टि रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है.
ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा है मिसाइल हमला
विश्लेषक डेमियन साइमन के अनुसार, सैटेलाइट इमेज में जो प्रभाव बिंदु दिखाई दे रहा है, वह संभवतः भारतीय मिसाइल हमले का परिणाम है जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किया गया था. यह उस दावे का खंडन करता है जिसमें भारतीय वायुसेना ने किराना हिल्स में किसी प्रकार के सैन्य लक्ष्य को निशाना बनाने से इनकार किया था.
सरगोधा एयरबेस के रनवे में मरम्मत के संकेत
तस्वीरों में सिर्फ किराना हिल्स ही नहीं बल्कि पास स्थित सरगोधा एयरबेस के रनवे में मरम्मत के संकेत भी स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं. इससे यह साबित होता है कि हमले के दौरान एयरबेस को भी क्षति पहुंची थी. इतनी तेज़ी से की गई मरम्मत इस बात को दर्शाती है कि एयरबेस पाकिस्तान की रणनीतिक संरचनाओं में अत्यधिक महत्वपूर्ण है.
क्षेत्रीय तनाव में इजाफा
किराना हिल्स लंबे समय से पाकिस्तान के मिसाइल और परमाणु अनुसंधान के केंद्र के रूप में जाना जाता है. ऐसे में यहां पर किसी भी हमले की पुष्टि दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है. यह स्थिति तब और संवेदनशील हो जाती है जब अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था.
आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी
हालांकि सैटेलाइट आधारित प्रमाण सामने आ चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. वहीं भारतीय वायुसेना के पूर्व में दिए गए इनकार और सैटेलाइट के नए सबूतों के बीच विरोधाभास ने ऑपरेशन सिंदूर की वास्तविक रणनीति और उद्देश्य को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
अदांपुर एयरबेस पर पाकिस्तानी दावे की पोल खुली
इस बीच पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने पंजाब स्थित भारत के अदांपुर एयरबेस पर हमला कर उसे क्षति पहुंचाई है. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि इस हमले में एक सुखोई Su-30MKI विमान और S-400 एयर डिफेंस सिस्टम नष्ट हो गए.
हालांकि डेमियन साइमन द्वारा जारी मार्च 2025 की सैटेलाइट तस्वीरों से यह दावा पूरी तरह गलत साबित हो गया. उन तस्वीरों में MIG-29 विमान नियमित रखरखाव में दिखा और जिस क्षेत्र को पाकिस्तान ने “विनाश का प्रमाण” बताया, वह केवल नियमित इंजन परीक्षण से उत्पन्न कालिख थी.
रणनीतिक दृष्टि से अहम है अदांपुर एयरबेस
अदांपुर एयरबेस भारत का दूसरा सबसे बड़ा एयरबेस है और इसकी सीमा पाकिस्तान से महज 100 किलोमीटर की दूरी पर है. यह एयरबेस 1965 के युद्ध से लेकर अब तक भारत की उत्तरी सुरक्षा का प्रमुख आधार रहा है. यहां से MIG-29 और Su-30MKI जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान संचालित होते हैं. इसके अलावा 2022 में भारत का पहला S-400 डिफेंस सिस्टम भी यहीं तैनात किया गया था, जिससे यह बेस और भी महत्वपूर्ण बन गया है.


