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पहलगाम हमले के दोषियों पर अमेरिका का एक्शन, चीन बोला- हर हाल में चाहिए शांति

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कर दिया. अमेरिका के इस कदम पर चीन ने अब सतर्क प्रतिक्रिया दी है. हालांकि चीन ने हमले की निंदा की और आतंकवाद के हर रूप का विरोध जताया, लेकिन TRF या लश्कर-ए-तैयबा का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

अमेरिका द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की शाखा 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन घोषित किए जाने के बाद चीन ने इस पर सतर्क प्रतिक्रिया दी है. चीन ने आतंकवाद की निंदा करते हुए क्षेत्रीय देशों से सहयोग बढ़ाने की अपील की है ताकि क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनी रह सके.

पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद अमेरिका की यह कार्रवाई वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को लेकर बढ़ती चिंता को दर्शाती है. वहीं चीन की प्रतिक्रिया इस मुद्दे पर उसकी द्वैध नीति की ओर भी इशारा करती है, जो UNSC में TRF और LeT जैसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कई बार बाधा बन चुकी है.

आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख

शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, "चीन हर प्रकार के आतंकवाद का दृढ़ता से विरोध करता है और 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता है." उन्होंने आगे कहा, "चीन क्षेत्रीय देशों से अपील करता है कि वे आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाएं और मिलकर क्षेत्रीय सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखें." हालांकि, उन्होंने TRF या लश्कर-ए-तैयबा का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया.

अमेरिका ने TRF को बताया वैश्विक आतंकी संगठन

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने TRF को Foreign Terrorist Organisation (FTO) और Specially Designated Global Terrorist (SDGT) घोषित किया. यह कदम TRF की सीमा पार आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने की दिशा में एक अहम फैसला है. अमेरिका का यह कदम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 समिति में भी असर डालेगा, जो आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने वाली अहम संस्था है.

UNSC में चीन-पाकिस्तान की आपत्ति

25 अप्रैल को UNSC ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हुए बयान जारी किया था, लेकिन सूत्रों के मुताबिक TRF और LeT का नाम अंतिम मसौदे से हटा दिया गया, क्योंकि चीन और पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी. गौरतलब है कि LeT, जैश-ए-मोहम्मद (JeM), जमात-उद-दावा (JuD), हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे कई आतंकी संगठन पहले से ही UNSC की 1267 प्रतिबंध सूची में शामिल हैं, जिन पर यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति फ्रीज और हथियार प्रतिबंध लागू हैं.

TRF ने पहले ली थी हमले की जिम्मेदारी

22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी. शुरुआत में TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में बढ़ते भारत-पाक तनाव के बीच उसने अपना बयान वापस ले लिया.भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का साफ कहना है कि TRF दरअसल LeT की ही एक छाया इकाई है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान अपनी भूमिका छिपाने के लिए करता है.

भारत का जवाब: ऑपरेशन सिंदूर

पहेलगाम हमले के बाद भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया. यह सैन्य अभियान पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर केंद्रित था. चार दिनों तक चले इस अभियान में ड्रोन और मिसाइल स्ट्राइक के जरिए आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया. 10 मई को दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर की वार्ता के बाद स्थिति को शांत करने पर सहमति बनी और तनाव कम करने की दिशा में कदम उठाए गए.

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19 July 2025, 08:57 AM IST

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