चीन की नींद उड़ जाएगी... भारत का 'खास हथियार' होगा सबके लिए गेम चेंजर, सबकी सिट्टी-पिट्टी करेगा गुम!
AI का विचार प्राचीन ग्रीक दार्शनिक प्लेटो से लेकर आज तक विकसित हुआ है और अब चीन की कंपनी डीपसीक ने अमेरिका को पछाड़कर ध्यान आकर्षित किया है. भारत में AI परियोजनाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है और 2030 तक इसका आर्थिक योगदान 33.8 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है.

ग्रीस के दार्शनिक प्लेटो और उनके मित्रों द्वारा मशीनी कबूतर बनाने से लेकर आज तक, AI का विचार काफी पुराना है. यह विचार तब जन्म लिया था जब दार्शनिक जीवन और मृत्यु के प्रश्नों पर विचार कर रहे थे. प्राचीन ग्रीक से आया 'ऑटोमेटन' शब्द, जिसका अर्थ है अपनी इच्छा से कार्य करना, AI की नींव रखता है.
डीपसीक: चीन की AI कंपनी ने अमेरिका को पछाड़ा
हाल ही में, चीन की AI कंपनी डीपसीक के चैटबॉट ने अमेरिका में तहलका मचा दिया. जनवरी 2023 में ये एपल के स्टोर से सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाला ऐप बन गया. इसकी कम लागत और अमेरिकी कंपनियों के मुकाबले बेहतर कार्यप्रणाली के कारण ये ऐप चर्चा का विषय बन गया.
AI क्या है?
AI एक ऐसी तकनीक है, जिससे कंप्यूटर और अन्य मशीनों को इंसान की तरह सोचने और फैसला लेने की क्षमता मिलती है. ये सिस्टम डेटा को प्रोसेस करते हैं, पैटर्न पहचानते हैं और भविष्य में सुधार करने के लिए अपने अनुभवों से सीखते हैं. AI का उपयोग स्मार्ट डिवाइस, वॉयस असिस्टेंट, स्वास्थ्य डेटा और लर्निंग एनालिटिक्स में होता है.
AI का विकास: प्राचीन काल से 20वीं सदी तक
AI की शुरुआत 1495 में इटली के चित्रकार और दार्शनिक लियोनार्डो दा विंची द्वारा बनाई गई पहली ऑटोमेशन मशीन से हुई. हालांकि, इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति 1950 के दशक में हुई, जब एलन नेवेल और हर्बर्ट ए. साइमन ने पहला AI सिस्टम 'लॉजिक थियोरिस्ट' विकसित किया.
भारत में AI का तेजी से बढ़ता प्रभाव
भारत में 60 प्रतिशत कंपनियां AI परियोजनाओं पर काम कर रही हैं. भारत AI में सबसे तेज वृद्धि दिखा रहा है और 2030 तक भारत में AI के जरिए 33.8 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक मूल्य प्राप्त होने का अनुमान है. भारत में हाइब्रिड IT वातावरण भी तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें 70 प्रतिशत कंपनियां अग्रणी हैं.
AI की ताकत और खतरें
AI से वैश्विक अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा हो सकता है, जिसमें अनुमान है कि यह सालाना 4.4 ट्रिलियन डॉलर तक का योगदान कर सकता है. हालांकि, इसके साथ ही AI से समाज और करियर के लिए जोखिम भी हो सकते हैं. AI के विकास में सही दिशा अपनाने की आवश्यकता है, ताकि इसके नकरात्मक प्रभावों से बचा जा सके.
भविष्य में AI का महत्व
AI तकनीक के उपयोग से वर्ल्ड इकोनॉमी में बड़ा योगदान हो सकता है, लेकिन इसके प्रभावों को समझते हुए सही उपायों की आवश्यकता है. AI की लगातार बढ़ती शक्ति के साथ, इसकी सामाजिक और आर्थिक जिम्मेदारी भी महत्वपूर्ण हो जाएगी.