Year Ender 2025: 2025 में भारत के टॉप 5 ट्रेंडिंग टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स, नए अंदाज में लौटी यात्रा संस्कृति
2025 में भारतीय यात्रियों ने भीड़ से दूर शांत, प्रकृति और आध्यात्मिकता से जुड़े गंतव्यों को चुना. कश्मीर, ग्रामीण राजस्थान, प्रयागराज–वाराणसी, वृंदावन–गोवर्धन और मेघालय सबसे पसंदीदा रहे. स्लो ट्रैवल और सांस्कृतिक अनुभव 2026 में भी जारी रहेंगे.

नई दिल्लीः वर्ष 2025 भारतीय पर्यटन के लिए बेहद खास रहा. लंबे समय बाद भारतीय यात्रियों ने फिर से यात्रा को एक नए और अर्थपूर्ण तरीके से अपनाया. भीड़भाड़ वाले हॉटस्पॉट्स की बजाय शांत, आध्यात्मिक और प्रकृति से जुड़े स्थानों को प्राथमिकता दी. ‘स्लो ट्रैवल’, ‘स्पिरिचुअल जर्नी’ और अनुभवों से भरपूर स्थानीय यात्राएं इस वर्ष का मुख्य आकर्षण रहीं.
वर्षांत में जारी ट्रैवल ट्रेंड सूची से यह साफ दिखता है कि भारतीय अब गहराई, सुकून और संस्कृति से जुड़ने वाली यात्राएं करना अधिक पसंद कर रहे हैं. यहां वे पांच गंतव्य हैं जो 2025 में भारतीयों के सबसे पसंदीदा साबित हुए.
1. कश्मीर
कश्मीर ने 2025 में एक बार फिर पर्यटकों की पहली पसंद के रूप में अपनी जगह पक्की की. इस बार गंतव्य सिर्फ गुलमर्ग और पहलगाम तक सीमित नहीं रहा. सोनमर्ग, अरु वैली, गुरेज, दकसुम और दूधपथरी जैसे कम-प्रसिद्ध लेकिन बेहद खूबसूरत स्थानों में रिकॉर्ड संख्या में सैलानी पहुंचे.
बर्फ से ढके पहाड़, फूलों से भरे मैदान, शांत नदी-घाटियां और कश्मीर की हवा में मौजूद प्राकृतिक जादू यात्रियों को मानसिक सुकून देने में बेहद कारगर साबित हुए. इंस्टाग्राम पर स्कीइंग वीडियोज, ट्यूलिप गार्डन की तस्वीरें और हाउसबोट अनुभवों ने कश्मीर की लोकप्रियता को नए मुकाम पर पहुंचा दिया.
2. ग्रामीण राजस्थान
2025 में राजस्थान की परिभाषा सिर्फ जयपुर-जैसलमेर तक सीमित नहीं रही. इस साल पर्यटक ग्रामीण राजस्थान की ओर सबसे ज्यादा आकर्षित हुए. खिमसर, ओसियां, बाड़मेर और जैसलमेर के आसपास बसे गांव पर्यटकों के लिए एक अनूठा अनुभव बने. जहां रेत के सुनसान टीलों पर ऊंट सफारी, बलुआ पत्थर के घरों की खूबसूरती, रात के समय अलाव के पास लोकगीत, घरों में पकाए गए देसी मारवाड़ी व्यंजनों ने लोगों के दिल जीत लिए. 2025 में ग्रामीण पर्यटन का नया चलन सादगीपूर्ण विलासिता रहा, जहां लोग भव्य होटलों की बजाय संस्कृति के करीब अनुभव जीना चाहते थे.
3. प्रयागराज और वाराणसी
प्रयागराज में 2025 का महाकुंभ मेला पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र बिंदु रहा. लाखों श्रद्धालु और यात्री त्रिवेणी संगम के पवित्र तट पर एकत्र हुए और अध्यात्म, संस्कृति व मानवीय एकता के इस विशाल आयोजन के साक्षी बने.
वाराणसी ने भी 2025 में अपना अभूतपूर्व आकर्षण बनाए रखा. गंगा आरती, मंदिरों की घंटियों की आवाज, घाटों की चहल-पहल, स्ट्रीट फूड और आध्यात्मिक माहौल ने यात्रियों को गहराई से प्रभावित किया.
दोनों शहरों ने दिखाया कि संस्कृतियों से भरी यात्राएं न सिर्फ दर्शनीय होती हैं, बल्कि मानसिक शांति और आत्म-जागरूकता भी प्रदान करती हैं.
4. वृन्दावन–गोवर्धन
2025 का सबसे सुंदर चौंकाने वाला ट्रेंड था वृंदावन और गोवर्धन का युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक बेहद लोकप्रिय होना. लोग सप्ताहांत में भी इन शहरों में पहुंचकर मंदिरों, आश्रमों और शांत घाटों के बीच आत्मिक सुकून तलाशते दिखाई दिए.
गोवर्धन परिक्रमा खासकर उन यात्रियों के बीच लोकप्रिय हुई जो आत्म-चिंतन और मन की शांति की खोज में थे. रंग-बिरंगे त्योहार, स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड और भक्ति संगीत ने इन स्थलों को और भी आकर्षक बना दिया.
5. मेघालय
मेघालय 2025 में प्रकृति-प्रेमी यात्रियों का सबसे प्रिय गंतव्य साबित हुआ. धुंध में लिपटी पहाड़ियां, जीवित जड़ पुल, क्रिस्टल जैसी साफ नदियां, झरनों की भरमार और शिलांग व चेरापुंजी की ताज़गी भरी हवा पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करती रही.
यात्री यहां स्लो ट्रैवल का आनंद लेते दिखाई दिए. ट्रेकिंग, नदी किनारे कैंपिंग, गांवों में स्थानीय लोगों से मिलना और शांत प्रकृति के बीच समय बिताना. मेघालय ने साबित किया कि सादगी में भी अपार सुंदरता छिपी है.
2026 में भी जारी रहेगा सुकून भरी यात्राओं का ट्रेंड
2025 भारतीय यात्रियों का वह वर्ष रहा जिसमें लोगों ने आत्मा को सुकून देने वाली यात्राओं को प्राथमिकता दी. प्रकृति, संस्कृति और आध्यात्मिकता, इन तीनों ने यात्रा की परिभाषा को एक नया आयाम दिया. संकेत साफ हैं कि 2026 में भी यह ट्रेंड और अधिक मजबूत होता नजर आएगा.


