भारत की रक्षा प्रणाली ताकत में इजाफा, पृथ्वी-II और अग्नि-I बैलिस्टिक मिसाइलों का किया सफल परीक्षण
भारत ने रक्षा प्रणाली को अधिक मज़बूत करने की दिशा में ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से दो शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों का सफल परीक्षण किया.

भारत ने अपनी रक्षा प्रणाली को और अधिक मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से दो शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों पृथ्वी-II और अग्नि-I का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण गुरुवार को स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड की निगरानी में पूरा किया गया. इस दौरान दोनों मिसाइलों ने सभी तकनीकी और परिचालन मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया.
रक्षा मंत्रालय ने इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए कहा कि दोनों मिसाइलों ने अपने लक्ष्यों को सटीकता से भेदा और सभी तय मानकों पर खरी उतरीं. परीक्षण का उद्देश्य भारत की सामरिक क्षमताओं को और भी बेहतर बनाना था.
पृथ्वी-II की विशेषताएं
पृथ्वी-II मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित की गई है. यह सतह से सतह पर मार करने वाली शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है. इसे DRDO द्वारा एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के अंतर्गत तैयार किया गया है. इसकी मारक क्षमता 250 से 350 किलोमीटर के बीच है. यह 500 से 1000 किलोग्राम तक का वज़न लेकर उड़ान भर सकती है.
यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. इसमें उन्नत जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम (Inertial Navigation System) लगाया गया है, जिससे यह अधिक सटीकता के साथ लक्ष्य पर प्रहार कर सकती है. पृथ्वी-II को 2003 में भारत की स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड में शामिल किया गया था.
मिसाइल में लग सकते हैं कई प्रकार के हथियार
इस मिसाइल में कई प्रकार के हथियार लगाए जा सकते हैं, जिनमें हाई-एक्सप्लोसिव, पिनेट्रेशन हथियार, क्लस्टर बम, थर्मोबेरिक, केमिकल हथियार और टैक्टिकल न्यूक्लियर वॉरहेड शामिल हैं. इस सफल परीक्षण से भारत की रक्षा तैयारी और सामरिक क्षमता को वैश्विक स्तर पर और अधिक मजबूती मिली है.


