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तुर्किए के सबसे बड़े दुश्मन देश को भारत देगा LR-LACM क्रूज मिसाइल सिस्टम, जानें क्या है इसकी खूबी

ग्रीस ने भारत से DRDO द्वारा विकसित लंबी दूरी की LR-LACM क्रूज मिसाइल की मांग की है, जो तुर्किए को रणनीतिक झटका देने वाला कदम माना जा रहा है. यह मिसाइल हाई-वैल्यू टारगेट को तबाह करने में सक्षम है और रडार से बचने की तकनीक से लैस है. यह सौदा भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

ग्रीस ने भारत से एक शक्तिशाली मिसाइल सिस्टम की मांग की है. रिपोर्ट्स में यह जानकारी सामने आई है. यह वही ग्रीस है जो तुर्किए का परंपरागत दुश्मन माना जाता है. खास बात यह है कि यह घटनाक्रम उस समय हुआ है जब तुर्किए ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन करने की कोशिश की थी. अब ग्रीस द्वारा भारत से मिसाइल खरीदने की मंशा तुर्किए के लिए एक बड़ा रणनीतिक झटका मानी जा रही है.

ग्रीस को चाहिए भारत की लंबी दूरी की मिसाइल

रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रीस भारत से लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LR-LACM) खरीदना चाहता है. यह मिसाइल भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई है और अत्याधुनिक क्षमताओं से लैस है. इसे विशेष रूप से दुश्मन के उच्च-मूल्य वाले ठिकानों जैसे एयरबेस, रडार स्टेशन और कमांड सेंटर को निशाना बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

LR-LACM की ताकत और रेंज

यह क्रूज मिसाइल सबसोनिक कैटेगरी की है, जिसकी गति लगभग 864 से 1111 किलोमीटर प्रति घंटा है. इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी रेंज है, जमीन से लॉन्च करने पर यह 1500 किलोमीटर तक जा सकती है, जबकि नौसेना के जहाज से लॉन्च करने पर इसकी मारक क्षमता 1000 किलोमीटर तक सीमित हो जाती है. यह रेंज तुर्किए के प्रमुख क्षेत्रों को कवर करने के लिए पर्याप्त है, जिससे तुर्किए की सुरक्षा चिंताएं बढ़ सकती हैं.

रडार को चकमा देने में माहिर

LR-LACM मिसाइल बेहद कम ऊंचाई पर उड़ान भरती है, जिससे यह दुश्मन के रडार की पकड़ में आसानी से नहीं आती. अमेरिका की ‘टॉमहॉक’ और रूस की ‘कैलिबर’ मिसाइलों की तरह, यह भी स्टील्थ क्षमता से युक्त है, यानी इसे ट्रैक करना काफी कठिन है.

बहुउद्देश्यीय लॉन्च सिस्टम

यह मिसाइल न सिर्फ जमीन से, बल्कि समुद्र और हवा से भी लॉन्च की जा सकती है. इसे मोबाइल लॉन्चर या यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल से दागा जा सकता है. भारत की नौसेना के लगभग 30 युद्धपोत पहले से ही इसे लॉन्च करने में सक्षम हैं. इसमें प्रयुक्त किया गया 'मनिक' टर्बोफैन इंजन स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है, जो इसे लंबी दूरी तक ले जाने में मदद करता है.

रणनीतिक बढ़त की दिशा में भारत

अगर भारत ग्रीस को यह मिसाइल देता है, तो यह दोनों देशों के रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगा. साथ ही, यह सौदा तुर्किए के लिए एक स्पष्ट संदेश होगा कि भारत अब वैश्विक सुरक्षा समीकरणों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है.

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08 July 2025, 02:58 PM IST

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