समुद्री जीवन की रक्षा में जुटा भारतीय तटरक्षक बल, 11,000 किमी तटरेखा पर निगरानी तेज
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को और मजबूत किया है. #BeatPlasticPollution थीम के तहत ICG ने 'स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर', 'पुनीत सागर अभियान' और 'मिशन लाइफ' जैसे अभियानों के जरिए 194 टन से अधिक प्लास्टिक कचरा हटाया.

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर जब पूरी दुनिया सतत विकास और प्रकृति संरक्षण की दिशा में एकजुट हो रही है, तब भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard - ICG) समुद्री जीवन और तटीय विरासत की रक्षा में अपनी सक्रिय भूमिका को और भी मजबूती से निभा रहा है. भारत की 11,000 किलोमीटर से भी अधिक लंबी तटरेखा न केवल जैव विविधता का भंडार है, बल्कि लाखों लोगों की आजीविका का भी आधार है.
इस वर्ष की थीम #BeatPlasticPollution समुद्री प्रदूषण की गंभीरता को उजागर करती है. इसी दिशा में ICG ने अपने अनेक राष्ट्रीय अभियानों के माध्यम से समुद्रों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने का बीड़ा उठाया है.
प्लास्टिक मुक्त महासागर की दिशा में ICG की पहल
भारतीय तटरक्षक बल ने ‘स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर’, ‘पुनीत सागर अभियान’ और ‘मिशन लाइफ (LiFE)’ जैसे प्रमुख अभियानों के तहत बीते वर्ष 58 से अधिक बड़े तटीय सफाई अभियान चलाए, जिनमें 194 टन से अधिक प्लास्टिक कचरे को हटाया गया. इन अभियानों में युवाओं, मछुआरों और स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली, जिसने समुद्री पर्यावरण के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी को बढ़ावा दिया.
समुद्री आपदाओं से मुकाबले में तत्परता
ICG समुद्री आपदाओं से निपटने की भारत की पहली पंक्ति की रक्षा इकाई भी है. तेल रिसाव, रासायनिक खतरे और प्रदूषण जैसी घटनाओं पर यह बल तुरंत कार्रवाई करता है. ‘समुद्र प्रहरी’, ‘समुद्र पहरेदार’ और ‘समुद्र पावक’ जैसे विशेष Pollution Control Vessels के ज़रिए यह बल Tier-I स्तर की रणनीतियाँ अपनाता है, जिससे प्रदूषण को फैलने से पहले रोका जा सके. हर छह माह में आयोजित होने वाले NATPOLREX अभ्यासों से 50 से अधिक राष्ट्रीय एजेंसियों के बीच समन्वय मज़बूत होता है, जिससे बड़ी आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.
वन्यजीव संरक्षण में भी निभा रहा है अहम भूमिका
प्रदूषण नियंत्रण से आगे बढ़कर, ICG समुद्री जैव विविधता के संरक्षण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. ‘ऑपरेशन ओलिविया’ के तहत वर्ष 2025 में ओडिशा तट पर 6.98 लाख से अधिक ऑलिव रिडले कछुओं के घोंसलों की सुरक्षा की गई, जिन्हें अवैध मछली पकड़ने और ‘घोस्ट नेट्स’ से खतरा था.
वहीं अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में ICG की इकाइयाँ अवैध शिकार और प्रतिबंधित समुद्री जीवों जैसे सी-ककुंबर, प्रवाल और जायंट क्लैम्स की तस्करी को रोकने के लिए सक्रिय अभियान चलाती हैं.
समुद्र ही जीवन का आधार हैं
भारतीय तटरक्षक बल का हर अभियान, हर सफाई और हर निगरानी, केवल समुद्रों की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि उन अनगिनत जीवनों की रक्षा के लिए भी है जो इनसे जुड़े हैं. विश्व पर्यावरण दिवस पर ICG ने नागरिकों से अपील की है कि वे प्लास्टिक के उपयोग को कम करें, प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करें, और समुद्री जीवन के संरक्षक बनें. "धरती का स्वास्थ्य, हमारे समुद्रों के स्वास्थ्य से शुरू होता है."


