'आसिम मुनीर ने मेरी बीवी से संपर्क करने की कोशिश की...', पूर्व पीएम इमरान खान ने खोला राज
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख असीम मुनीर पर अपनी पत्नी बुशरा बीबी को बदले की भावना से निशाना बनाने का आरोप लगाया है.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और जेल में बंद पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने एक बार फिर देश की सेना और न्यायपालिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर को सीधे तौर पर निशाने पर लेते हुए कहा है कि जब उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री असीम मुनीर को ISI प्रमुख के पद से हटाया था, तभी से वे बदले की भावना से काम कर रहे हैं. इमरान खान ने दावा किया कि इस फैसले के बाद असीम मुनीर ने उनकी पत्नी बुशरा बीबी से संपर्क साधने की कोशिश की थी.
इमरान खान ने ये भी कहा कि उनकी पत्नी का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, फिर भी उन्हें एक साजिश के तहत निशाना बनाया गया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक पोस्ट में इन सभी आरोपों का उल्लेख किया और पाकिस्तान की न्यायिक प्रणाली को भी कठघरे में खड़ा किया.
'बुशरा बीबी को बनाया निजी दुश्मनी का शिकार'
इमरान खान ने अपनी पोस्ट में लिखा- जब मैंने प्रधानमंत्री रहते हुए जनरल असीम मुनीर को DG ISI के पद से हटाया, तो उन्होंने मेरी पत्नी बुशरा बीबी से इस मुद्दे पर बात करने के लिए बिचौलियों के जरिए संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन मेरी पत्नी ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और वो मुलाकात नहीं करेंगी.
इमरान खान ने दावा किया कि इस इनकार के बाद से ही असीम मुनीर ने बदले की कार्रवाई शुरू कर दी और इसी का परिणाम है कि बुशरा बीबी को 14 महीने से जेल में रखकर अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है.
'बुशरा बीबी पर लगाए गए सभी आरोप झूठे'
इमरान खान ने कहा कि बुशरा बीबी पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं और अब तक उनके खिलाफ कोई भी पुख्ता सबूत सामने नहीं आया है. उन्हें ‘एडिंग एंड अबेटिंग’ का आरोप लगाया गया है, लेकिन ना तो कोई सबूत दिया गया और ना ही कोई न्यायिक प्रक्रिया पारदर्शी रही. एक के बाद एक फर्जी मामले बनाकर उन्हें जेल में डाला गया है. उन्होंने ये भी कहा कि वो पिछले चार हफ्ते से अपनी पत्नी से नहीं मिल सके हैं और 1 जून को निर्धारित मुलाकात भी जेल प्रशासन ने अदालत के आदेश के बावजूद रद्द कर दी.
"9 मई की घटनाएं थीं साजिश का हिस्सा"
इमरान खान ने 9 मई 2024 की उन घटनाओं का भी उल्लेख किया, जब पाकिस्तान में सैन्य ठिकानों पर हमले हुए थे. उन्होंने इसे 'लंदन प्लान' का हिस्सा बताया, जिसका मकसद पाकिस्तान की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी, यानी पीटीआई को खत्म करना था. ये एक पूर्वनियोजित योजना थी, जिसके तहत हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को गैरकानूनी तरीके से जेल में डाला गया.
'न्यायपालिका खुद डरी हुई है'
इमरान खान ने न्यायिक संस्थाओं पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि कोई भी न्यायाधीश CCTV फुटेज देखने की हिम्मत नहीं करता और ना ही सबूतों के आधार पर फैसला सुनाने की हिम्मत दिखा रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की न्यायपालिका अब न्याय के बजाय सिर्फ अपने पद और सुविधाओं की रक्षा के लिए काम कर रही है.


