इंदौर ने लगातार 8वी बार जीता स्वच्छ शहर का खिताब, छोटे शहरों में नोएडा बना नंबर वन
मध्य प्रदेश का ये शहर फिर छा गया! एक, दो, तीन नहीं, बल्कि आठवीं बार स्वच्छता का झंडा लहरा दिया है. अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा - दूसरा और तीसरा स्थान किसने मारा? चलिए, जानते हैं इस रोमांचक लिस्ट का राज.

Swachhta Survey Result: केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर ने लगातार आठवीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल किया है. इसी लाईन में सूरत और नवी मुंबई भी दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे. 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में नोएडा पहले, चंडीगढ़ दूसरे और मैसूर तीसरे स्थान पर रहे, जबकि 50 हजार से 3 लाख जनसंख्या वाले शहरों में नई दिल्ली नगर निगम (NDMC) क्षेत्र ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया. स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 के नतीजे बृहस्पतिवार को विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में घोषित किए गए. इस मौके पर प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सम्मान ग्रहण किया. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
स्वच्छता चैंपियन का खिताब
इंदौर ने 2017 से लगातार आठवीं बार स्वच्छता में पहला स्थान हासिल कर स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी जगह बनाते आ रहा है. यह उपलब्धि नगर निगम के लगातार प्रयासों और नागरिकों की भागीदारी का परिणाम है. सूरत और नवी मुंबई ने भी स्वच्छता के मानकों को पूरा करते हुए शीर्ष तीन में अपनी जगह बनाई है.
दूसरों शहरों का प्रदर्शन
3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में
नोएडा (1)
चंडीगढ़ (2)
मैसूर (3)
50 हजार से 3 लाख जनसंख्या वाले शहरों में:
नई दिल्ली नगर निगम (NDMC) ने पहला स्थान प्राप्त किया है.
स्वच्छ सर्वेक्षण की व्यापकता और महत्व
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शुरू किया गया यह स्वच्छता सर्वेक्षण 2016 में केवल 73 नगरीय निकायों के साथ शुरू हुआ था, जो अब बढ़कर 4,500 से अधिक शहरों तक पहुंच चुका है. 45 दिनों तक चले मूल्यांकन में 3,000 से अधिक प्रशिक्षित मूल्यांककों ने देश के हजारों वार्डों और 11 लाख से अधिक घरों का निरीक्षण कर स्वच्छता की वास्तविक स्थिति सामने रखी. इस साल का सर्वेक्षण 'रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल' की अवधारणा पर केंद्रित रहा, जो स्वच्छता के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी महत्व देता है.
नागरिक सहभागिता
2024 के सर्वेक्षण में करीब 14 करोड़ नागरिकों ने स्वच्छता अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई. संवाद, ऐप्स, पोर्टल और सोशल मीडिया के माध्यम से उन्होंने स्वच्छता प्रयासों को मजबूती दी. यह न केवल शहरों की सफाई व्यवस्था को दर्शाता है, बल्कि जनता की बदलती सोच और स्वच्छता के प्रति जागरूकता को भी उजागर करता है.
'सुपर स्वच्छ लीग' की शुरुआत
इस वर्ष स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को प्रोत्साहित करने के लिए 'सुपर स्वच्छ लीग' की शुरुआत की गई है. इस रो में वे शहर शामिल हैं जो पिछले तीन वर्षों में लगातार शीर्ष तीन में रहे हों और वर्तमान में अपनी श्रेणी के शीर्ष 20% में बने हों. इसका उद्देश्य इन शहरों को उच्चतम स्वच्छता मानकों पर बनाए रखना और अन्य शहरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनाना है.
देश में स्वच्छता अभियान को नई ऊंचाई देने वाला यह सर्वेक्षण भारत के शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई के प्रति बदलते नजरिए को साफ करता है. इंदौर के लगातार आठवीं बार शीर्ष पर रहने से साफ है कि स्वच्छता के प्रति स्थायी प्रयास ही सफलता की कुंजी है. नागरिक सहभागिता और डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल से स्वच्छता के लक्ष्य को जल्द ही पूरा किया जा सकता है.


