धर्म परिवर्तन के लिए हिंदू नाम बताया, फिर सऊदी में बेचने की साजिश, नहीं मानी तो गैंगरेप... छांगुर बाबा के गिरोह का काला सच!
उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन रैकेट के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद सामने आई रश्मि की दर्दनाक कहानी, जिसमें उसे सऊदी अरब में तस्करी और अत्याचार का सामना करना पड़ा.

उत्तर प्रदेश में चल रहे धर्म परिवर्तन रैकेट के पीछे का एक काला सच सामने आया है. इस रैकेट का मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा हाल ही में गिरफ्तार किया गया. इसके बाद से एक के बाद एक दिल दहला देने वाले खुलासे हो रहे हैं. हजारों लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने वाले इस गिरोह का असली निशाना 'अकेली और कमजोर महिलाएं' थीं. कर्नाटक की रहने वाली एक युवती, रश्मि (परिवर्तित नाम) ने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया कि कैसे उसे प्यार, शादी और नौकरी के झूठे वादों से फंसाया गया और फिर सऊदी अरब तक तस्करी कर दी गई.
रश्मि ने बताया कि 2019 के अंत में वो मानसिक रूप से बेहद कमजोर स्थिति में थी. तभी एक शख्स ने सोशल मीडिया के माध्यम से उससे संपर्क किया, जिसने खुद को राजपूत और नाम ‘राजू राठौड़’ बताया. धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी और एक महिला ने उसे राजू की भाभी बताकर भरोसा दिलाया. शादी का प्रस्ताव मिला और कहा गया कि तुम्हारा परिवार बन जाएंगे. फिर, फर्जी दस्तावेजों के सहारे उसे विदेश भेजने की तैयारी की गई.
झूठे वादों से सऊदी भेजा, फिर...
रश्मि ने अपनी संपत्ति और पार्लर बेच दिया, क्योंकि उसे नई जिंदगी का सपना दिखाया गया था. सऊदी पहुंचते ही सब कुछ बदल गया. वहां पहुंचते ही उसे पता चला कि राजू असल में वसीम है और वो उसका धर्म बदलवाना चाहता है. विरोध करने पर मारपीट, बलात्कार और कैद किया गया. उसकी अश्लील वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया गया. सऊदी में तीन महीने तक अमानवीय अत्याचार झेलने के बाद जब वीजा खत्म हुआ, तो उसे कर्नाटक वापस भेज दिया गया, लेकिन धमकियों के साथ.
धर्म परिवर्तन के लिए सहारनपुर में अत्याचार
कर्नाटक लौटने के बाद भी वसीम का परिवार उसे लगातार परेशान करता रहा. फिर एक दिन उसे सहारनपुर बुलाया गया, जहां वसीम के पूरे परिवार ने उसे बंदी बना लिया. वहां उसे बार-बार धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया. मारपीट, गालियां और दवाब के बाद एक दिन उसका गैंगरेप किया गया. वीडियो बनाए गए और शारीरिक हिंसा की गई. बाद में उसे छांगुर बाबा के पास ले जाया गया, जहां उसे 'माल' की तरह देखा गया और इलाज के नाम पर तावीज पहनाया गया.
रश्मि भाग निकली और फिर बाद की हालत
रश्मि किसी तरह वहां से भाग निकली और एक संगठन की मदद से विश्व हिंदू रक्षा परिषद से संपर्क किया. जून 2024 में उसका शुद्धिकरण हुआ. लेकिन अभी भी वो डर और खतरे के साए में जी रही है. सहारनपुर में एक कमरे में रहने को मजबूर है, जहां ना बिजली है ना सुविधा. रेपिस्ट उसे खुलेआम धमकाते हैं और दिन-रात अपमान का सामना करना पड़ता है.
ये सिर्फ रश्मि की नहीं, उन सैकड़ों लड़कियों की कहानी है जो ऐसे रैकेट का शिकार हुईं. छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बावजूद उसका नेटवर्क अभी भी सक्रिय है और पीड़ित महिलाएं आज भी न्याय और सुरक्षा की प्रतीक्षा कर रही हैं.


