Video: राज ठाकरे की पार्टी फिर विवादों में, MNS कार्यकर्ताओं ने राजस्थानी दुकानदार को पीटा
मुंबई के विक्रोली इलाके में एमएनएस कार्यकर्ताओं ने एक राजस्थानी दुकानदार की सिर्फ व्हाट्सऐप स्टेटस पर विवाद को लेकर पिटाई कर दी. एमएनएस कार्यकर्ताओं ने उस स्टेटस को मराठी समुदाय का अपमान बताते हुए दुकानदार से जबरन माफी मंगवाई. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

MNS violence: मुंबई में एक बार फिर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के कार्यकर्ता कानून को हाथ में लेते नजर आए. इस बार मामला विक्रोली के टैगोर नगर इलाके का है, जहां एक राजस्थानी दुकानदार को महज एक व्हाट्सऐप स्टेटस पर पीट दिया गया. एमएनएस कार्यकर्ताओं ने उस स्टेटस को मराठी समुदाय के खिलाफ अपमानजनक बताते हुए दुकानदार की बेरहमी से पिटाई की और उससे जबरन माफी मंगवाई.
घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में कार्यकर्ता दुकानदार को थप्पड़ मारते नजर आ रहे हैं. वीडियो में दुकानदार को कान पकड़कर माफी मांगते हुए सुना जा सकता है.
#Mumbai के विक्रोली में #MNS कार्यकर्ताओं ने एक राजस्थानी दुकानदार की व्हाट्सऐप स्टेटस पर बवाल करते हुए सरेआम पिटाई की. घटना का #video सोशल मीडिया पर #viral हो रहा है. #Vikhroli #WhatsAppStatus #MarathiPride #राजठाकरे #ShivSena #BreakingNews #MarathiVsOutsider #viralvideo pic.twitter.com/ZnqTZ2ItXj
— Shivani Mishra (@shivani4302) July 17, 2025
व्हाट्सऐप स्टेटस क्या था?
पीड़ित दुकानदार मारवाड़ी समुदाय से ताल्लुक रखता है. उसने अपने व्हाट्सऐप स्टेटस में लिखा था, "देख लिया राजस्थानी का पावर. हम मारवाड़ी, हमारे सामने किसी की नहीं चलती." एमएनएस कार्यकर्ताओं ने इस स्टेटस को मराठी मानुष के खिलाफ अपमानजनक मानते हुए उसे घेर लिया और सार्वजनिक रूप से माफी मंगवाई.
वीडियो बना कर खुद किया वायरल
चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरी घटना का वीडियो एमएनएस कार्यकर्ताओं ने खुद शूट किया, एडिट किया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वीडियो में मराठी गानों के साथ यह संदेश जोड़ा गया, जो मराठी लोगों के खिलाफ बोलेगा, उसके साथ ऐसा ही होगा. वीडियो में एमएनएस का लोगो भी साफ नजर आता है. यह ऐसे समय में हुआ है जब राज ठाकरे पहले ही कार्यकर्ताओं को इस तरह के वीडियो रिकॉर्ड न करने की सलाह दे चुके हैं, ताकि पार्टी कानूनी मुश्किलों से बच सके.
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह कोई पहला मामला नहीं है जब मराठी अस्मिता के नाम पर हिंसा हुई हो.
1 जुलाई, ठाणे: एक स्ट्रीट फूड विक्रेता की पिटाई सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि उसने मराठी बोलने से इनकार कर दिया.
8 जुलाई, मीरा-भायंदर: एमएनएस, शिवसेना (उद्धव) और एनसीपी (शरद पवार गुट) ने मराठी अस्मिता के समर्थन में रैली निकाली.
विरार: एक उत्तर भारतीय ऑटो चालक को “मैं हिंदी बोलूंगा” कहने पर पीटा गया और सार्वजनिक माफ़ी मंगवाई गई.


