बारिश में किस आटे की रोटी खाएं? डाइटिशियन की ये सलाह जरूर जानें
मानसून में नमी और उमस के कारण रोटियां जल्दी खराब हो जाती हैं और पेट की समस्याएं बढ़ जाती हैं. डाइटिशियन के अनुसार, इस मौसम में गेहूं, ज्वार और चने के आटे से बनी हल्की और जल्दी पचने वाली रोटियां खाना अधिक फायदेमंद होता है. भारी अनाज से बचें.

मानसून के मौसम में शरीर का पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और नमी व उमस के कारण खाना जल्दी खराब हो जाता है, जिससे पेट से जुड़ी बीमारियां बढ़ जाती हैं. इसलिए इस मौसम में खाने-पीने में विशेष सावधानी बरतनी जरूरी है. खासकर रोज़मर्रा की सबसे आम वस्तु रोटी का चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए. डाइटिशियन के अनुसार, मानसून में हल्के और जल्दी पचने वाले आटे की रोटियां ही बेहतर होती हैं.
डायट एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस मौसम में बाजरा, मक्का और रागी जैसे भारी अनाजों से बनी रोटियों से बचना चाहिए क्योंकि ये देर से पचती हैं और गैस, अपच जैसी समस्याएं पैदा कर सकती हैं. इसके बजाय गेहूं, ज्वार और चने के आटे का उपयोग फायदेमंद होता है. गेहूं का आटा हल्का होता है, ज्वार में फाइबर और मिनरल्स होते हैं, जबकि चने का आटा प्रोटीन से भरपूर होता है जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है.
मानसून में खाएं ये 3 तरह की रोटियां
डाइटिशियन की सलाह है कि गेहूं के आटे में ओट्स पाउडर, अलसी पाउडर या सातू मिलाकर रोटी बनाना बेहतर होता है. इससे रोटी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ और भी अधिक पौष्टिक बन जाती है. साथ ही, मानसून में रोटी को ताजा बनाकर ही खाना चाहिए और बहुत देर तक रखी हुई रोटी से बचना चाहिए. खाने में थोड़ी सी देसी घी डालने से पाचन बेहतर होता है और स्वाद भी बढ़ता है.
गेहूं, ज्वार और चने के आटे से रोटी के अलावा भी कई हेल्दी और टेस्टी व्यंजन बनाए जा सकते हैं, जो मानसून के मौसम में पाचन को बेहतर बनाते हैं. जैसे:
- गेहूं का हलवा – घी में भूना हुआ गेहूं का आटा गुड़ और सूखे मेवे के साथ बनाएं. यह ऊर्जा देता है और सर्दी-खांसी से बचाता है.
- ज्वार का चीला – ज्वार आटे में दही, मसाले और कटी सब्जियां मिलाकर तवे पर पैनकेक जैसा बनाएं, जो फाइबर और आयरन से भरपूर होता है.
- चने के आटे का ढोकला – बेसन, दही, नींबू और इनो मिलाकर स्टीम किया जाता है, जो हल्का और सुपाच्य नाश्ता होता है.
- गेहूं का लिट्टी – इसमें सत्तू भरकर बेक या सेक कर चोखा के साथ परोसा जाता है.
- चने का चीला – बेसन में प्याज, मिर्च और धनिया डालकर तवे पर सेंका जाता है, जो प्रोटीन से भरपूर स्नैक है.
- सत्तू का शरबत – गर्मी और उमस में पेट को ठंडक देने वाला हल्का पेय है.
- ज्वार का उपमा या खिचड़ी – ज्वार और दाल के साथ बनाया जाता है, जो डायजेस्टिव और हेल्दी होता है.
इस प्रकार, मानसून में सही आटे का चयन और सही तरीके से पकाए गए भोजन से न सिर्फ पाचन बेहतर रहता है, बल्कि रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है.


