मासिक धर्म को लेकर खुला संवाद: हावा इकाई का सराहनीय प्रयास
नई दिल्ली में महिला सुरक्षा कर्मियों में मासिक धर्म और प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन हुआ. संगोष्ठी के दौरान एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई जिसमें स्त्रीरोग और जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भाग लिया.

महिला सुरक्षा कर्मियों में मासिक धर्म और प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की हिमवीर वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (हावा) ने SHEWings फाउंडेशन के साथ मिलकर एक जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया. यह कार्यक्रम मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के उपलक्ष्य में नई दिल्ली स्थित 22वीं वाहिनी, टिगड़ी कैंप में संपन्न हुआ.
क्या था कार्यक्रम का विषय?
इस कार्यक्रम का विषय था “फॉरवर्ड डिप्लॉयमेंट में महिलाओं के लिए मासिक धर्म और प्रजनन स्वास्थ्य.” इसका उद्देश्य कठिन और दूरस्थ इलाकों में तैनात महिला कर्मियों को सही जानकारी, स्वच्छता संसाधन और स्वास्थ्य सेवाओं से सशक्त बनाना था.
इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. विजय क. रहाटकर ने महिलाओं से मासिक धर्म जैसे विषयों पर खुलकर बात करने की अपील की. उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस विषय को पारिवारिक संवाद का हिस्सा बनाया जाना चाहिए, जिससे बच्चियां बिना संकोच इसे समझ सकें.
विशेषज्ञों ने दिए महिलाओं के सवालों के जवाब
संगोष्ठी के दौरान एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई जिसमें स्त्रीरोग और जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भाग लिया. डॉ. गौरी अग्रवाल, डॉ. ममता गोयल, डॉ. श्याम सुंदर, डॉ. प्रेरणा शर्मा, डॉ. प्रीति और बीना मनसुख जैसी विशेषज्ञों ने महिलाओं के सवालों के जवाब दिए और महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं. इन विशेषज्ञों को उनके योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया.
हावा की अध्यक्षा श्रीमती गौरी रसगोत्रा ने कहा कि मासिक धर्म सिर्फ स्वच्छता नहीं बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का भी अहम विषय है. कार्यक्रम का समापन सचिव श्रीमती हर्षिका बर्मन के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.
यह पहल "स्वस्थ नारी, स्वस्थ देश" के विज़न और महिला-प्रधान विकास की दिशा में एक अहम कदम है, जो सुरक्षाबलों की महिलाओं को जागरूक और सशक्त बनाने का कार्य कर रही है.


