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जगदीप धनखड़ के चौंकाने वाले इस्तीफे के बाद अब क्या? उपराष्ट्रपति पद को लेकर 6 अहम बातें

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंपा. धनखड़ का यह कदम मानसून सत्र की शुरुआत के दिन सामने आया, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Jagdeep Dhankhar Resigns: संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया जब भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंपा और तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने की घोषणा की.

धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय आया है जब उन्हें राज्यसभा के सभापति के तौर पर संसद के महत्वपूर्ण सत्रों की अध्यक्षता करनी थी. इनमें मंगलवार को प्रस्तावित बिजनेस एडवाइजरी कमिटी की बैठक भी शामिल थी. उनके इस फैसले से सियासी गलियारों में कई तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं.

स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफा

धनखड़ ने अपने इस्तीफे में लिखा, "स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के लिए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं." उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67 (a) के तहत यह निर्णय लिया.

74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति पद का कार्यभार संभाला था. उनका कार्यकाल 2027 तक निर्धारित था. हालांकि कार्यकाल के दौरान वे कई बार विपक्ष से टकराव को लेकर सुर्खियों में रहे.

पहले से थे बीमार, मार्च में हुई थी एंजियोप्लास्टी

मार्च में उन्हें दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी. इसके बाद से वे कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में थोड़े अस्वस्थ दिखे, लेकिन संसद की कार्यवाही में वे सक्रिय बने रहे.

अब कौन निभाएगा उपराष्ट्रपति की जिम्मेदारी?

भारत के संविधान में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उपराष्ट्रपति के पद रिक्त होने पर उसकी जिम्मेदारी किसे दी जाएगी. हालांकि, राज्यसभा के सभापति की भूमिका अस्थायी तौर पर उपसभापति या राष्ट्रपति द्वारा अधिकृत किसी सदस्य को सौंपी जा सकती है.

कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव?

अनुच्छेद 66 के तहत, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा प्रत्यक्ष और आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत किया जाता है. इसमें सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम लागू होता है.

NDA जल्द करेगी नए नाम पर विचार

सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन, जिसके पास संसद के दोनों सदनों में बहुमत है, संभावित उम्मीदवारों के नाम पर विचार कर रहा है. इन संभावित नामों में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का नाम सबसे आगे चल रहा है. वे जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद हैं और 2020 से इस पद पर हैं.

कौन हो सकता है उम्मीदवार?

संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए, उसकी आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए और वह राज्यसभा का सदस्य बनने के योग्य होना चाहिए. साथ ही, वह किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए.

एक बीजेपी नेता ने बताया, "हम इस पर विचार कर रहे हैं. लेकिन मेरा मानना है कि पार्टी ऐसा व्यक्ति चुनेगी जो मज़बूत और विवादों से दूर हो." इससे संकेत मिलता है कि पार्टी एक सर्वस्वीकृत चेहरा तलाश रही है.

विपक्ष ने उठाए सवाल

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का अचानक इस्तीफा उतना ही चौंकाने वाला है जितना कि वह अस्पष्ट है... यह मानने में कोई संदेह नहीं कि श्री धनखड़ को अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए, लेकिन इस अप्रत्याशित इस्तीफे के पीछे और भी बहुत कुछ है."

इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति बने धनखड़

जगदीप धनखड़ ऐसे तीसरे उपराष्ट्रपति बने हैं जिन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दिया है. उनसे पहले वी वी गिरि ने 1969 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए और भैरों सिंह शेखावत ने 2007 में राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद इस्तीफा दिया था.

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22 July 2025, 08:24 AM IST

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