इस्तीफे से ठीक पहले अचानक राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे जगदीप धनखड़, फिर लिया हैरान कर देने वाला फैसला
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात अचानक इस्तीफा दे दिया, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया. सूत्रों के मुताबिक, उनके इस्तीफे के पीछे विपक्ष द्वारा यशवंत वर्मा के खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाना मुख्य वजह माना जा रहा है.

जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर रात भारत के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दे दिया. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने रात 9 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें अपना त्यागपत्र सौंपा. महज आधे घंटे बाद, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने इस्तीफे की जानकारी सार्वजनिक कर दी.
जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए लिखा- स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय परामर्श का पालन करने के लिए, मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं, संविधान के अनुच्छेद 67(क) के अनुसार, उनका कार्यकाल अगस्त 2022 में शुरू हुआ था और ये अगस्त 2027 तक चलने वाला था.
संसद सत्र के पहले दिन आया इस्तीफा
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय पर सामने आया जब संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ था. ये कदम ना सिर्फ सत्तापक्ष बल्कि विपक्ष को भी हैरान कर गया. खास बात ये रही कि एनडीए की ओर से आम तौर पर ऐसे पदों से विदा होने वाले नेताओं को लेकर की जाने वाली प्रशंसा भी नदारद रही.
विपक्ष ने जताया सम्मान, सरकार की प्रतिक्रिया में देरी
जहां एनडीए के नेता चुप्पी साधे नजर आए, वहीं विपक्षी दलों ने धनखड़ की भूमिका की सराहना की. कांग्रेस ने उनके इस्तीफे को लेकर संदेह जताते हुए कहा कि स्वास्थ्य का कारण केवल एक परत हो सकता है, असली वजह कहीं अधिक गहरी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उनके इस्तीफे पर प्रतिक्रिया 15 घंटे बाद, मंगलवार दोपहर 12:13 बजे आई, जबकि इस्तीफा सोमवार रात 9:25 बजे सार्वजनिक किया गया था.
महाभियोग की पहल बनी वजह?
सूत्रों के अनुसार, इस्तीफे की पृष्ठभूमि में एक बड़ा संवैधानिक घटनाक्रम रहा. बताया जा रहा है कि पिछले हफ्ते धनखड़ ने कुछ विपक्षी नेताओं से अपील की थी कि वे राज्यसभा में दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएं. ये उस समय हुआ जब सरकार चाहती थी कि ये प्रस्ताव सिर्फ लोकसभा में लाया जाए.
विपक्ष ने दिया नोटिस, NDA अनजान
एक वरिष्ठ कांग्रेस सांसद, जो स्वयं वकील हैं, ने रविवार को आनन-फानन में महाभियोग प्रस्ताव तैयार किया और सोमवार को 63 विपक्षी सांसदों ने उस पर हस्ताक्षर किए. एनडीए के किसी भी सांसद ने उस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किया, क्योंकि उन्हें इस पहल की जानकारी ही नहीं थी.
धनखड़ ने राज्यसभा में खुद की घोषणा
राज्यसभा की कार्य सलाहकार समिति की बैठक के बाद धनखड़ सीधे सदन पहुंचे और घोषणा की कि मुझे आज राज्यसभा के 50 से ज्यादा सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक नोटिस प्राप्त हुआ है, जो अनुच्छेद 217(1)(ख), अनुच्छेद 218 और अनुच्छेद 124 के तहत न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के लिए वैधानिक समिति गठित करने की मांग करता है.


