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ट्रंप के दावे का ‘काउंटर पंच’: जयशंकर ने साफ किया भारत-पाक सीजफायर का असली सच!

भारत-पाक युद्धविराम को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को सधे शब्दों में खारिज कर दिया है. वॉशिंगटन में मीडिया से बातचीत में जयशंकर ने कहा कि यह युद्धविराम दोनों देशों के DGMOs के बीच बातचीत से हुआ था, न कि किसी व्यापारिक सौदे से जैसा कि ट्रंप दावा करते रहे हैं.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Jaishankar Rejects Trumps Claim: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को भारत-पाक युद्धविराम को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को सधे शब्दों में खारिज कर दिया है. वॉशिंगटन डीसी में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने स्पष्ट किया कि मई महीने में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के बाद जो युद्धविराम हुआ, वह अमेरिका के दबाव या व्यापार वार्ता का परिणाम नहीं था, बल्कि यह दोनों देशों के DGMOs (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) के बीच हुई सीधी बातचीत का नतीजा था. 

ट्रंप का दावा रहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक दबाव बनाकर तनाव को कम करने में मदद की. उन्होंने खुद को इस संघर्ष विराम का सूत्रधार बताया था. हालांकि, जयशंकर ने बेहद सधी भाषा में इस दावे को खारिज करते हुए कहा, "उस समय जो हुआ था, उसका रिकॉर्ड बहुत स्पष्ट है और युद्धविराम दोनों देशों के DGMOs के बीच बातचीत से हुआ था." उन्होंने आगे कहा, "मैं बात यहीं छोड़ता हूं."

भारत-पाक सीजफायर पर ट्रंप का दावा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक से अधिक बार कहा है कि उन्होंने व्यापार को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर भारत-पाक संघर्ष को शांत किया. ट्रंप का यह दावा अप्रैल 22 को हुए पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किए जाने के बाद आया. उन्होंने कहा कि भारत-पाक युद्धविराम में उनकी सीधी भूमिका रही.

जयशंकर का सीधा बयान

जयशंकर ने ट्रंप के दावे के जवाब में अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि 9 मई की रात को जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति वैंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी, तब वे स्वयं उस कमरे में मौजूद थे. जयशंकर ने कहा, "वैंस ने पीएम मोदी से कहा कि अगर कुछ शर्तें नहीं मानी गईं तो पाकिस्तान बड़ा हमला कर सकता है. पीएम मोदी ने साफ कहा कि भारत चुप नहीं बैठेगा और पूरी तरह जवाब देगा."

उन्होंने यह भी बताया कि उसी रात पाकिस्तान ने भारत पर बड़ा हमला किया, जिसके जवाब में भारत ने तुरंत प्रतिक्रिया दी. अगले दिन अमेरिकी सीनेटर रूबियो ने जयशंकर को फोन कर बताया कि पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है.

भारत का रुख: द्विपक्षीय समाधान ही एकमात्र रास्ता

जयशंकर ने इस पूरे घटनाक्रम में भारत की नीति स्पष्ट करते हुए कहा कि पाकिस्तान से भारत के रिश्ते हमेशा द्विपक्षीय रहे हैं और किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं रही है. उन्होंने कहा, "यह सिर्फ मौजूदा सरकार की नीति नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सहमति है कि पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध द्विपक्षीय मुद्दा हैं."

ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर की हकीकत

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी. हमले के पीछे पाकिस्तान से जुड़े आतंकी संगठन का हाथ पाया गया.

10 मई को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी कि पाकिस्तान के DGMO ने भारतीय समकक्ष को संपर्क किया और दोनों देशों के बीच जमीन, समुद्र और आकाश में सभी सैन्य गतिविधियों को रोकने पर सहमति बनी.

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03 July 2025, 11:20 AM IST

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