जापान का भारत में 68 अरब डॉलर का निवेश, भारत की आर्थिक क्रांति को मिला अवसर... टेक्नोलॉजी और विकास यात्रा में बड़ा कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय जापान यात्रा पर शिगेरु इशिबा से मुलाकात कर भारत-जापान रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देंगे. यात्रा के दौरान जापान भारत में 10 ट्रिलियन येन निवेश की घोषणा कर सकता है. दोनों देश सेमीकंडक्टर, AI, स्वच्छ ऊर्जा और बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाओं में सहयोग बढ़ाएंगे. यह यात्रा आर्थिक, तकनीकी और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने में अहम मानी जा रही है.

Narendra Modi Japan visit 2025 : PM मोदी जापान के प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर जापान पहुंचे चुके है. जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. इस यात्रा के दौरान वह जापान के पीएम शिगरु इशिबा से मुलाकात करेंगे इसके साथ ही 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. बता दें कि यह पीएम मोदी की जापान की अब तक की 8वीं यात्रा है, लेकिन पीएम शिगेरु इशिबा के साथ उनकी पहली शिखर बैठक होगी. वही इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच रिश्तों को एक नई दिशा देने वाला पल माना जा रहा है.
रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की समीक्षा
जापान से भारत को मिलेगा बड़ा निवेश
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का एक बड़ा उद्देश्य आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना भी है. जापानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस यात्रा के दौरान जापान भारत में 10 ट्रिलियन येन (लगभग 68 अरब अमेरिकी डॉलर) के निवेश लक्ष्य की घोषणा कर सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि मोदी और इशिबा अपनी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में इस निवेश लक्ष्य की औपचारिक घोषणा करेंगे. यह कदम भारत में उद्योग, आधारभूत ढांचे और तकनीकी परियोजनाओं में जापानी भागीदारी को बढ़ावा देगा.
2022 के निवेश लक्ष्य से दोगुना होगा नया प्रस्ताव
यह निवेश प्रस्ताव मार्च 2022 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा द्वारा घोषित 5 ट्रिलियन येन के निवेश लक्ष्य से कहीं अधिक है. नया प्रस्ताव दर्शाता है कि दोनों देश अब न केवल पारंपरिक क्षेत्रों में, बल्कि नई और उभरती तकनीकों में भी एक-दूसरे के साथ गहराई से काम करने के लिए तैयार हैं. भारत और जापान की यह भागीदारी "स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र" के विकास की दिशा में भी एक ठोस कदम मानी जा रही है.
अब बुलेट ट्रेन से आगे, सेमीकंडक्टर और AI पर जोर
भारत और जापान के रिश्ते अब सिर्फ बुलेट ट्रेन परियोजना तक सीमित नहीं हैं. क्योडो न्यूज़ के अनुसार, दोनों देश आर्थिक सुरक्षा के लिए एक नया सहयोग ढांचा तैयार करने पर सहमत हो सकते हैं. इस ढांचे में सेमीकंडक्टर, आवश्यक खनिज, और स्वच्छ ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा. इसके अलावा, उभरती तकनीकों में सहयोग और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) सहयोग पहल की भी घोषणा हो सकती है.
सेमीकंडक्टर केंद्र सेंडाई की यात्रा संभव
प्रधानमंत्री मोदी और जापानी प्रधानमंत्री सेंडाई शहर की यात्रा भी कर सकते हैं, जो सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए विश्व प्रसिद्ध है. संभव है कि दोनों नेता इस यात्रा के लिए जापान की बुलेट ट्रेन का उपयोग करें, जो तकनीकी सहयोग का प्रतीक बन सकता है. उल्लेखनीय है कि जापान, भारत की अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना (एमएएचएसएआर कॉरिडोर) का भी एक अहम भागीदार है.
कंपनियों के बीच सहयोग को मिलेगा बढ़ावा
सूत्रों के अनुसार, इस यात्रा के दौरान यह भी उम्मीद की जा रही है कि भारतीय और जापानी कंपनियों के बीच तकनीकी और व्यावसायिक साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा. खासकर जिन क्षेत्रों में भारतीय कंपनियाँ मजबूत हैं, वहाँ जापानी कंपनियाँ निवेश और नवाचार के जरिए लाभ उठा सकती हैं. इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिलने की उम्मीद है.
भारत-जापान संबंधों का नया अध्याय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह जापान यात्रा भारत और जापान के बीच बहुआयामी सहयोग को एक नई दिशा देने की क्षमता रखती है. चाहे वह आर्थिक निवेश, तकनीकी सहयोग, या फिर रणनीतिक साझेदारी हो, यह यात्रा दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक विश्वास और विकास की एक नई मिसाल बन सकती है. आने वाले समय में यह संबंध न केवल क्षेत्रीय स्थिरता बल्कि वैश्विक विकास में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.


