score Card

भारत की यात्रा पर चेन्नई पहुंचा जापानी कोस्टगार्ड जहाज ‘इत्सुकुशिमा’, दोनों देशों के रिश्तों को मिलेगी मजबूती

07 जुलाई 2025 को जापानी पोत 'इत्सुकुशिमा' चेन्नई पहुंचा, जिससे भारत-जापान के समुद्री सहयोग को नया आयाम मिला. SAGAR और IPOI के तहत यह यात्रा रणनीतिक, सांस्कृतिक और सुरक्षा संवाद को मजबूत करती है. 'जा मता' संयुक्त अभ्यास और सी राइडर्स कार्यक्रम से दोनों देशों के संबंध और प्रगाढ़ होंगे.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

07 जुलाई 2025 को जापान कोस्ट गार्ड के प्रतिष्ठित प्रशिक्षण पोत 'इत्सुकुशिमा' ने अपनी वैश्विक महासागरीय यात्रा के तहत भारत के चेन्नई बंदरगाह पर आगमन किया. इस अवसर ने भारत और जापान के बीच गहरे रणनीतिक, सांस्कृतिक और समुद्री सहयोग को और मजबूत करने का अवसर प्रदान किया. यह दौरा भारत की SAGAR (Security and Growth for All in the Region) नीति और इंडो-पैसिफिक ओशन्स इनिशिएटिव (IPOI) के उद्देश्यों के अनुरूप है.

पारंपरिक तरीके से हुआ भव्य स्वागत

पोत का स्वागत कप्तान नाओकी मिज़ोगुची और उनके दल के साथ पारंपरिक भारतीय रीति-रिवाजों के अनुसार किया गया. इस सप्ताहभर की यात्रा के दौरान जापानी अधिकारी भारतीय तटरक्षक बल के साथ विभिन्न पेशेवर, सांस्कृतिक और खेलकूद गतिविधियों में हिस्सा लेंगे. इसमें आपसी मुलाकातें, जहाज़ों की पारस्परिक यात्राएँ, संयुक्त योग सत्र, खेल प्रतियोगिताएँ और संवाद सत्र शामिल हैं, जो दोनों देशों के बीच आपसी समझ और भरोसे को और सुदृढ़ करेंगे.

रणनीतिक मुलाकातें और संवाद

इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण पहलू उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता है. जापान कोस्ट गार्ड के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाइस एडमिरल हिरोआकी काओसू कर रहे हैं. वे भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि (AVSM, PTM, TM) तथा ईस्टर्न सीबोर्ड के कमांडर एडिशनल डायरेक्टर जनरल डॉनी माइकल (PTM, TM) से औपचारिक मुलाकातें करेंगे. इन बैठकों में समुद्री सुरक्षा, प्रशिक्षण, आपदा प्रबंधन और संयुक्त अभियानों जैसे अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा.

‘एक्सरसाइज़ जा मता’  एक संयुक्त अभ्यास

चेन्नई यात्रा के समापन के बाद, जापानी पोत भारतीय तटरक्षक बल के साथ एक संयुक्त समुद्री अभ्यास में भाग लेगा, जिसे 'जा मता' नाम दिया गया है. इस शब्द का अर्थ जापानी में है, “फिर मिलेंगे”, जो मित्रता और भविष्य की साझेदारी का संकेत देता है. यह अभ्यास परिचालन समन्वय, साझा रणनीतियों और संयुक्त कार्य संस्कृति को बढ़ावा देगा. साथ ही, ICG के चार अधिकारी ‘सी राइडर्स’ के रूप में ‘इत्सुकुशिमा’ पर सवार होकर उसके सिंगापुर तक के सफर में भाग लेंगे, जिससे पेशेवर आदान-प्रदान और सहयोग और गहरा होगा.

समुद्री रिश्तों की गहराई

भारत-जापान के बीच समुद्री सहयोग की शुरुआत वर्ष 2006 में एक सहमति ज्ञापन (MoC) से हुई थी. तब से अब तक दोनों देशों ने इस रिश्ते को बहुस्तरीय आयामों में विस्तार दिया है. ‘इत्सुकुशिमा’ की यह यात्रा न केवल सामरिक सहयोग, बल्कि लोक-सांस्कृतिक संवाद और साझा समुद्री हितों की दिशा में भी महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है.

calender
07 July 2025, 05:21 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag