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न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा पर महाभियोग की तैयारी: 150 सांसदों ने किया हस्ताक्षर, जल्द सौंपा जाएगा नोटिस

दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास से नकदी मिलने के मामले ने अब संवैधानिक मोड़ ले लिया है. इस पूरे विवाद में नया मोड़ तब आया जब संसद के 150 से अधिक सांसदों ने उनके खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने के लिए हस्ताक्षरित नोटिस तैयार किया.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास पर नकदी मिलने के मामले ने अब संवैधानिक मोड़ ले लिया है. सूत्रों के अनुसार, 150 से अधिक सांसदों ने न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाने के लिए हस्ताक्षरित नोटिस तैयार किया है, जिसे जल्द ही लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा जा सकता है. बताया जा रहा है कि यह प्रस्ताव विभिन्न दलों के सांसदों ने मिलकर तैयार किया है और अगर इसे मंजूरी मिलती है, तो यह देश के न्यायिक इतिहास में एक बड़ा घटनाक्रम होगा.

पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने 8 मई को इस मुद्दे पर गंभीर संज्ञान लेते हुए अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजी थी। उन्होंने संसद को न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग शुरू करने की सिफारिश की थी, जिसे अब विधायी प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ाया जा सकता है.

लोकसभा अध्यक्ष पर निर्भर करेगा अगला कदम

सूत्रों के मुताबिक, महाभियोग प्रस्ताव को लेकर तैयार नोटिस लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा जाएगा। यदि अध्यक्ष इसे स्वीकार करते हैं, तो एक जांच समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति 1 से 3 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में महाभियोग प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान किया जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने FIR की मांग पर तत्काल सुनवाई से किया इनकार

इस मामले में सोमवार को एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम तब हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया। वकील मैथ्यूज नेडुमपारा ने मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष इस मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की. CJI गवई ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “क्या आप चाहते हैं कि हम अभी इसी वक्त याचिका खारिज कर दें?” जब वकील ने बार-बार आग्रह किया, तो अदालत ने टोकते हुए कहा, “आप उन्हें 'वर्मा' कह रहे हैं। क्या वह आपके मित्र हैं? वह अभी भी न्यायमूर्ति वर्मा हैं। कृपया कुछ शिष्टाचार रखें.”

क्या है नकदी मिलने का मामला?

मार्च में दिल्ली में न्यायमूर्ति वर्मा के निवास पर आग लगने की घटना के बाद आपातकालीन सेवाओं की टीम ने उनके आउटहाउस में जली हुई नकदी के बंडलों का बड़ा जखीरा बरामद किया था. इसके बाद तत्कालीन CJI संजीव खन्ना ने तीन उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की एक जांच समिति गठित की थी, जिसने वर्मा को दोषी ठहराया। समिति की रिपोर्ट के बाद वर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से स्थानांतरित कर इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया गया, जहां उन्हें न्यायिक कार्यों से दूर रखा गया है.

न्यायमूर्ति वर्मा का बचाव

विवादों में घिरे न्यायमूर्ति वर्मा ने खुद को निर्दोष बताते हुए जांच समिति की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उनका दावा है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं और उन्होंने कोई गलत कार्य नहीं किया है। उन्होंने इस्तीफा देने से भी इनकार कर दिया था, जिसके बाद महाभियोग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया.

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21 July 2025, 02:44 PM IST

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