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कमल हासन ने स्टालिन को ‘तमिलनाडु की ढाल’ कहा, तीन-भाषा नीति पर की जोरदार तारीफ

फिल्म अभिनेता और मक्कल नीधि मय्यम के संस्थापक कमल हासन ने शुक्रवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मुलाकात की. इस मुलाकात में हासन ने तीन-भाषा नीति के खिलाफ स्टालिन के रुख की सराहना की.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

फिल्म अभिनेता और मक्कल नीधि मय्यम के संस्थापक कमल हासन ने शुक्रवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मुलाकात की. इस मुलाकात में हासन ने तीन-भाषा नीति के खिलाफ स्टालिन के रुख की सराहना की. उन्होंने कहा कि स्टालिन तमिलनाडु की रक्षा के लिए एक मजबूत ढाल बनकर उभरे हैं. कमल हासन ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, "तमिलनाडु के लोग, तमिल भाषा और संस्कृति पर कई तरह के दबाव हैं. 

ऐसे समय में, स्टालिन अपने पूर्ववर्तियों की तरह तमिलनाडु की रक्षा के लिए एक मजबूत ढाल बनकर उभरे हैं. मैं उन्हें बधाई देता हूं. जनता ज़िंदाबाद!" मुख्यमंत्री स्टालिन ने 2020 की नई शिक्षा नीति (NEP) का कड़ा विरोध किया है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार हिंदी को थोपना चाहती है, खासकर तीन-भाषा फॉर्मूला लागू करने से. 

एआई का जिक्र

स्टालिन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और उन्नत अनुवाद तकनीक के बारे में भी बात की. उनका कहना है कि छात्रों पर दूसरी भाषा का बोझ डालने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, "वास्तविक प्रगति नवाचार में है, भाषा थोपने में नहीं." AI यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जो कंप्यूटर को इंसानों की तरह सोचने और काम करने में मदद करती है. 

भाषा विवाद पर स्टालिन का बयान

स्टालिन ने कहा कि बीजेपी नेता कहते हैं कि उत्तर भारत में रोज़मर्रा के काम जैसे चाय, पूरी खरीदना या शौचालय का इस्तेमाल करने के लिए हिंदी आनी चाहिए. उनका मानना है कि AI इस समस्या का समाधान कर सकता है. स्टालिन ने X पर लिखा, "हिंदी की वकालत करने वाले बीजेपी नेता कहते हैं कि उत्तर भारत में चाय, पूरी खरीदने या शौचालय का इस्तेमाल करने के लिए आपको हिंदी आनी चाहिए. लेकिन AI के युग में, स्कूलों में किसी भी भाषा को तीसरी भाषा के रूप में थोपना जरूरी नहीं है. उन्नत अनुवाद तकनीक भाषा की बाधाओं को तुरंत दूर कर देती है."

उन्होंने आगे कहा, "छात्रों पर अतिरिक्त भाषाओं का बोझ नहीं डालना चाहिए. उन्हें अपनी मातृभाषा और अंग्रेजी में माहिर होना चाहिए, साथ ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भी विशेषज्ञता हासिल करनी चाहिए. बाद में, यदि जरूरत पड़ी, तो वे दूसरी भाषा भी सीख सकते हैं."

तमिलनाडु के राज्यपाल का बयान

इस बीच, तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने की बड़ी मांग है. उन्होंने कहा कि युवाओं को लगता है कि राज्य सरकार की दो-भाषा नीति के कारण उन्हें दूसरे राज्यों के युवाओं के मुकाबले अवसर नहीं मिल पा रहे हैं. राज्यपाल ने तमिलनाडु राजभवन के X अकाउंट से एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, "NEP 2020 को लागू करने की भारी मांग है. इस क्षेत्र के युवाओं को लगता है कि राज्य सरकार की कठोर दो-भाषा नीति के कारण उन्हें पड़ोसी राज्यों के युवाओं की तुलना में अवसरों से वंचित रखा गया है." इस बयान से यह साफ होता है कि शिक्षा नीति को लेकर अलग-अलग राय हैं. कमल हासन स्टालिन के पक्ष में हैं, जबकि राज्यपाल केंद्र सरकार के साथ खड़े हैं. अब यह देखना होगा कि आगे क्या होता है.

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01 March 2025, 05:41 PM IST

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