'देखते ही देखते बर्फ में समा गया पूरा शिविर... चमोली हादसे में 4 की मौत, 5 अब भी लापता!'
उत्तराखंड के चमोली जिले में अचानक आए हिमस्खलन ने बीआरओ के शिविर को पूरी तरह बर्फ में दफन कर दिया. इस हादसे में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 मजदूर अभी भी लापता हैं. राहत दल लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं, लेकिन बिगड़ता मौसम मुश्किलें खड़ी कर रहा है. सेना और हेलीकॉप्टर की मदद से बचाव कार्य तेज किया गया है. आखिर क्या ये ऑपरेशन लापता लोगों तक पहुंच पाएगा? जानिए इस बड़े हादसे की पूरी कहानी...

Chamoli Avalanche: उत्तराखंड के चमोली जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब अचानक आए हिमस्खलन ने बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के शिविर को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया. इस भयानक आपदा में 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 मजदूर अब भी लापता हैं. रेस्क्यू टीम लगातार उन्हें खोजने में जुटी हुई है, लेकिन खराब मौसम इस काम में बाधा डाल रहा है. राहत की बात यह है कि अब तक 46 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है.
सुबह-सुबह आई तबाही, सबकुछ बर्फ में दफन
यह हादसा शुक्रवार सुबह करीब 5:30 से 6:00 बजे के बीच हुआ, जब अचानक तेज बर्फीला तूफान आया और चंद मिनटों में ही बीआरओ के शिविर को निगल गया. माणा और बदरीनाथ के बीच स्थित इस कैंप में 55 मजदूर मौजूद थे, जिनमें से ज्यादातर बर्फ में दब गए. आठ कंटेनर और एक शेड पूरी तरह तबाह हो गए.
उत्तराखंड: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवान चमोली जिले के हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र में बचाव अभियान चला रहे हैं। चमोली हादसे में घायल 50 लोगों को बचाया गया, 4 की मौत।#Chamoli #Uttarakhand pic.twitter.com/Ufq48KfFDE
— ITM MEDIA 24 (@itmmedia24) March 1, 2025
रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना और हेलीकॉप्टर तैनात
सेना, बीआरओ और प्रशासन की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं. खराब मौसम के कारण शुक्रवार को ऑपरेशन में दिक्कतें आईं और रात में अभियान रोकना पड़ा, लेकिन शनिवार सुबह मौसम थोड़ा ठीक होने पर फिर से बचाव कार्य तेज किया गया. हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा रही है, ताकि जल्द से जल्द लापता लोगों को खोजा जा सके. लेकिन अब फिर से मौसम खराब होने लगा है, जिससे बचाव कार्य धीमा पड़ सकता है.
उम्मीद की किरण: बचाव कार्य जारी
रेस्क्यू टीम का कहना है कि वे लापता मजदूरों को ढूंढने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और अगर मौसम ने साथ दिया, तो जल्द ही बाकी लोगों को भी सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा. यह हादसा पहाड़ों में रहने वालों और काम करने वालों के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि प्रकृति कभी भी रौद्र रूप ले सकती है. प्रशासन ने नागरिकों से सावधानी बरतने की सलाह दी है.
नजरें राहत कार्य पर टिकीं
अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि बचाव दल कितनी जल्दी लापता लोगों तक पहुंच पाता है. इस दर्दनाक हादसे में जो जिंदगी बच गई, वो राहत की बात है, लेकिन जो लोग अब भी बर्फ के नीचे दबे हैं, उनके परिवारों की सांसें अटकी हुई हैं. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही राहत की खबर मिलेगी.


