केदारनाथ यात्रा बारिश के कारण 4 घंटे रोकी गई, जानें श्रद्धालुओं का हाल....
मुनकटिया के पास भूस्खलन की घटना ने यात्रा मार्ग को बाधित कर दिया है। जिसके चलते श्रद्धालुओं को 6 किलोमीटर अतिरिक्त पैदल यात्रा करनी पड़ रही है। प्रशासन ने बताया कि मार्ग को सुचारू करने के लिए मशीनरी और टीमें तैनात की गई हैं, लेकिन तेज बारिश के कारण कार्य में देरी हो रही है।

Kedarnath News: उत्तराखंड के पवित्र तीर्थस्थल केदारनाथ धाम की यात्रा पर बुधवार को भारी बारिश के कारण 4 घंटे के लिए रोक दिया गया। मुनकटिया पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण बोल्डर, मलबा और लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण आवागमन मुश्किल हो गया है जो श्रद्धालुओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। मौसम विभाग ने मुनकटिया पहाड़ी और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था।
इसके बाद मंगलवार रात से बारिश शुरू हो गई। बारिश के कारण मार्ग पर मलबा गिरने से रास्ता बंद हो गया। मुनकटिया के पास भूस्खलन की घटना ने यात्रा मार्ग को बाधित कर दिया है। जिसके चलते श्रद्धालुओं को 6 किलोमीटर अतिरिक्त पैदल यात्रा करनी पड़ रही है। प्रशासन ने बताया कि मार्ग को सुचारू करने के लिए मशीनरी और टीमें तैनात की गई हैं, लेकिन तेज बारिश के कारण कार्य में देरी हो रही है।
प्रशासन की तैयारियां और श्रद्धालुओं का हाल
लगातार बारिश और ठंड ने यात्रियों को मुश्किल में डाल दिया है। तापमान माइनस 2 डिग्री तक पहुंच गया है। जिससे पैदल मार्ग पर यात्रा और भी कठिन हो गई है। कई श्रद्धालु गौरीकुंड और सोनप्रयाग में फंसे हुए हैं। प्रशासन ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने की व्यवस्था की है और आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम से मौसम की जानकारी लेने की सलाह दी है। जिला प्रशासन ने यात्रियों से मौसम की स्थिति को देखते हुए सतर्क रहने की अपील की है। रुद्रप्रयाग के सीओ ने कहा "हम श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। बारिश के कारण पैदल मार्ग पर पत्थर गिरने का खतरा है। इसलिए यात्रा को अस्थायी रूप से रोका गया है।" उत्तराखंड सरकार ने यात्रियों के लिए मेडिकल कैंप और राहत केंद्र स्थापित किए हैं जहां ऑक्सीजन और प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध है।
BKTC सदस्य ने किया श्रद्धालुओं से निवेदन
वहीं बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य डॉ विनीत पोस्ती ने लगातार हो रही बारिश के बाद जिला आपदा प्रबंधन केंद्र का निरीक्षण किया और आपदा से निपटने का तैयारीयों एंव केदारमनाथ यात्रा के मार्ग का सीसीटीवी कैमरों की मदद से जायजा लिया। और श्रद्धालुओं से निवेदन किया कि वे यात्रा मार्ग पर सावधानी बरतें ग्लेशियर में चढ़ कर फोटो ना खींचवाए. इससे उन्हें भारी खतरा हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सोनप्रयाग में तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम जाते समय सावधानी बरतें। प्रशासन ने यात्रियों से धैर्य बनाए रखने और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की है।
गर्म जूते और रेनकोट पहनना ना भूले. अपने स्वास्थ्य की देखभाल का ध्यान रखें। प्रदेश सरकार मंदिर समिति और जिला प्रशासन तीर्थ यात्रियों के लिए हर संभव मदद लेकर खड़ा है।


