माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन, श्रद्धालुओं में मची अफरा-तफरी, रोकी गई श्रद्धालुओं की आवाजाही
जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सोमवार की सुबह डरावनी बन गई. भारी बारिश के चलते बाणगंगा क्षेत्र में अचानक भूस्खलन हो गया, जिससे कई श्रद्धालु मलबे में फंस गए और कुछ घायल भी हो गए. हादसे के तुरंत बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और चार श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया.

जम्मू-कश्मीर के कटरा में माता वैष्णो देवी के तीर्थ मार्ग पर सोमवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया. भारी बारिश के बाद बाणगंगा क्षेत्र में अचानक भूस्खलन हो गया, जिससे कई श्रद्धालु मलबे में फंस गए और कुछ घायल भी हो गए. घटना के बाद मौके पर हड़कंप मच गया. यह हादसा उस पुराने यात्रा मार्ग पर हुआ, जो कटरा से भवन तक जाता है और जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पैदल चलते हैं. सुबह करीब 8 बजे अचानक पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर और मलबा नीचे गिरा, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई.
अचानक गिरा पहाड़ से मलबा
स्थानीय प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, भारी बारिश के चलते बाणगंगा क्षेत्र में अचानक पहाड़ से पत्थर और मलबा गिरने लगा. यह इलाका माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग के पुराने रास्ते पर स्थित है, जहां आमतौर पर घोड़े-खच्चरों की सवारी और पिट्ठू सेवा चलती है. मलबा गिरने से कई श्रद्धालु वहां फंस गए और कुछ को गंभीर चोटें आई हैं.
4 श्रद्धालु सुरक्षित निकाले गए
घटना के तुरंत बाद श्राइन बोर्ड, पुलिस, पिट्ठू और पालकी सेवा देने वाले कर्मचारी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू कर दिया. अधिकारियों के अनुसार, “रेस्क्यू टीमों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकालकर अस्पताल भेजा.”
यात्री शेल्टर भी क्षतिग्रस्त
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यात्रा मार्ग पर बने कई आश्रय स्थल (शेल्टर) भी भूस्खलन की चपेट में आकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. लेकिन समय रहते रेस्क्यू टीम के पहुंचने से एक बड़ा हादसा टल गया. फिलहाल इस मार्ग पर श्रद्धालुओं की आवाजाही रोक दी गई है और बचाव कार्य जारी है. हालांकि अभी तक प्रशासन की ओर से इस घटना को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
हर साल लाखों श्रद्धालु करते हैं इस मार्ग से दर्शन
यह यात्रा मार्ग माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाने वाले भक्तों का प्रमुख रास्ता है. हर साल लाखों श्रद्धालु इसी मार्ग से भवन तक जाते हैं. ऐसे में इस हादसे ने यात्रा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.


