सीमा संघर्ष के दौरान भगवान विष्णु की प्रतिमा तोड़ी गई, भारत ने जताया सख्त ऐतराज
एशिया के दो पड़ोसी देशों थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे सीमा संघर्ष के बीच भगवान विष्णु की एक प्रतिमा को बुलडोजर से गिराए जाने का वीडियो सामने आया है. इस घटना को लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

एशिया के दो पड़ोसी देशों थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे सीमा संघर्ष के बीच भगवान विष्णु की एक प्रतिमा को बुलडोजर से गिराए जाने का वीडियो सामने आया है. इस घटना को लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाला कदम बताया है.
भारत ने की संयम बरतने की अपील
भारत ने दोनों देशों से संयम बरतने और सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत को नुकसान न पहुंचाने की अपील की है. दरअसल, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच पिछले कई हफ्तों से सीमा को लेकर तनाव बना हुआ है. 8 दिसंबर से शुरू हुई इस हिंसा में अब तक लगभग 40 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि आठ लाख से ज्यादा लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं. इस बीच कंबोडिया ने आरोप लगाया है कि विवादित सीमा क्षेत्र में थाई सेना ने भगवान विष्णु की एक हिंदू प्रतिमा को तोड़ दिया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी आलोचना हो रही है.
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे कृत्य न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि साझा सांस्कृतिक विरासत का भी अपमान करते हैं. उन्होंने कहा कि हिंदू और बौद्ध देवताओं को पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में गहरे सम्मान के साथ पूजा जाता है और इन्हें साझा सभ्यता का प्रतीक माना जाता है. सीमा विवादों के बावजूद इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए.
भारत ने दोनों देशों से अपील की है कि वे बातचीत और कूटनीतिक माध्यमों से अपने मतभेद सुलझाएं. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि शांति बहाल करना और जान-माल के साथ-साथ ऐतिहासिक व धार्मिक धरोहरों की रक्षा करना बेहद जरूरी है.
क्या है कंबोडिया का दावा?
कंबोडिया का दावा है कि यह प्रतिमा उसकी सीमा के भीतर स्थित थी और थाई सैनिकों ने लगभग 100 मीटर अंदर घुसकर इसे गिराया. कंबोडिया के प्रीह विहेयर प्रांत के सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, यह घटना अन सेस इलाके में हुई. कंबोडिया ने प्राचीन मंदिरों और मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने की कड़ी निंदा की है. हालांकि, इस पूरे मामले पर थाईलैंड की सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
दोनों देश एक-दूसरे पर हिंसा भड़काने के आरोप लगा रहे हैं. कंबोडिया का कहना है कि झड़पों के दौरान सीमा क्षेत्र में मौजूद मंदिरों के अवशेषों को नुकसान पहुंचाया गया, जबकि थाईलैंड का आरोप है कि कंबोडिया ने प्राचीन मंदिरों के आसपास सैनिक तैनात कर दिए थे. यह विवाद औपनिवेशिक काल में खींची गई लगभग 800 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा और वहां स्थित ऐतिहासिक मंदिरों को लेकर लंबे समय से चला आ रहा है.
गौरतलब है कि इसी महीने की शुरुआत में भारत ने 12वीं सदी के शिव मंदिर प्रीह विहेयर से जुड़े संरक्षण ढांचे को नुकसान पहुंचने पर भी चिंता जताई थी और इस यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की सुरक्षा को बेहद महत्वपूर्ण बताया था.


