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धर्मस्थल मामले में बड़ा मोड़, झूठी गवाही देने के आरोप में व्हिसलब्लोअर गिरफ्तार

धर्मस्थल सामूहिक दफ़न मामले में एसआईटी ने पूर्व सफाईकर्मी व्हिसलब्लोअर को झूठी जानकारी और नकली खोपड़ी दिखाकर जांच गुमराह करने के आरोप में गिरफ्तार किया; 15 जगहों की खुदाई में सिर्फ एक पुरुष कंकाल मिला, जिससे उसके सनसनीखेज दावे फर्जी साबित हुए और मामला मनगढ़ंत कहानी बनकर सामने आया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Whistleblower Arrest: धर्मस्थल सामूहिक दफन मामले ने एक और सनसनीखेज मोड़ ले लिया है. कर्नाटक पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने शनिवार को मुख्य व्हिसलब्लोअर को झूठी जानकारी देने और जांच को गुमराह करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. सूत्रों ने बताया कि आरोपी मंदिर प्रशासन का पूर्व सफाई कर्मचारी था, जिसने दावा किया था कि उसने धर्मस्थल परिसर के भीतर 70 से 80 शवों को दफनाया है.

खोपड़ी निकली नकली

सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान यह पाया गया कि शिकायतकर्ता द्वारा पेश की गई खोपड़ी असली नहीं थी. शुरुआत में उसने इस खोपड़ी को एक पीड़ित का अवशेष बताकर पुलिस और एसआईटी को गुमराह करने की कोशिश की. लेकिन फोरेंसिक जांच और पूछताछ में यह दावा झूठा साबित हुआ. इसके बाद उसे झूठी गवाही देने और फर्जी सबूत पेश करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी से पहले आरोपी से लंबी पूछताछ की गई और शाम 6 बजे उसे हिरासत में लिया गया.

अदालत में पेशी

गिरफ्तारी के बाद आरोपी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने से पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मेडिकल जांच की गई. यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि आगे की कार्यवाही के दौरान किसी स्वास्थ्य संबंधी बहाने का सहारा न लिया जा सके. पुलिस ने पुष्टि की कि अदालत में आरोपी के खिलाफ झूठे सबूत देने के गंभीर आरोप पेश किए जाएंगे.

संदिग्ध स्थलों पर जांच

शिकायतकर्ता ने एसआईटी को 15 स्थानों की सूची दी थी, जहां उसने कथित तौर पर 1998 से 2014 के बीच नाबालिग लड़कियों और महिलाओं के शव दफनाने का दावा किया था. लेकिन इन जगहों की खुदाई और वैज्ञानिक जाँच में सिर्फ छठे स्थान पर ही मानव अवशेष मिले. वहाँ से जो कंकाल बरामद हुआ, वह एक पुरुष का था. बाकी स्थानों पर न तो हड्डियां मिलीं और न ही किसी अपराध के कोई सबूत.

सफाई और विरोधाभासी बयान

जब जांचकर्ताओं ने पूछा कि बाकी स्थानों से कोई सबूत क्यों नहीं मिला, तो व्हिसलब्लोअर ने सफाई देते हुए कहा कि कटाव, वनस्पति की बढ़त और निर्माण कार्य की वजह से कब्रें नष्ट हो गई होंगी. उसने आगे दावा किया कि कई बार स्थानीय लोगों ने उसे दिन के समय शव दफनाते देखा था, लेकिन किसी ने सवाल नहीं उठाया और न ही उसे रोकने की कोशिश की.

मंदिर प्रशासन पर आरोप

गिरफ्तारी से पहले व्हिसलब्लोअर ने यह भी कहा था कि उसका मकसद मंदिर का नाम खराब करना नहीं है. उसका कहना था, “मंदिर का नाम बदनाम करने से मुझे क्या मिलेगा? मैं खुद एक हिंदू हूं और अनुसूचित जाति से हूं.” उसने आगे आरोप लगाया कि जिन शवों को उसने दफनाया, उन पर यौन उत्पीड़न के निशान थे. इस संबंध में उसने मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी दर्ज करवाया था.

सरकार का रुख 

कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने हाल ही में विधानसभा में कहा था कि यदि एसआईटी की जांच में शिकायतकर्ता के आरोप झूठे पाए जाते हैं, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. अब व्हिसलब्लोअर की गिरफ्तारी के बाद यह साफ हो गया है कि शुरुआती दावे भ्रामक थे और जांच को गुमराह करने के लिए मनगढ़ंत कहानी गढ़ी गई थी.

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23 August 2025, 03:05 PM IST

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