Analysis: रेणुका सिंह को छत्तीसगढ़ का CM बनाना बीजेपी के लिए साबित हो सकता है मास्टरस्ट्रोक, 2024 में मिल सकता है बड़ा फायदा

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए कई नाम रेस में हैं, लेकिन सबसे आगे रेणुका सिंह का नाम चल रहा है. हाल ही में वह भरतपुर सोनहत से विधानसभा चुनाव जीती हैं. रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ से आदिवासी महिला विधायक का बड़ा चेहरा हैं. रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ से इकलौती केंद्रीय राज्य मंत्री हैं.

Pankaj Soni
Pankaj Soni

चार राज्यों में चुनाव परिणाम आने के बाद स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपने दम पर सरकार  बनाने जा रही है. इन राज्यों में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है. इस बात की प्रबल संभावना है कि बीजेपी छत्तीसगढ़ में किसी आदिवासी चेहरे को मुख्यमंत्री बना सकती है. मध्य प्रदेश में किसी पिछड़े वर्ग के नेता को सीएम बनाया जा सकता है. वहीं, राजस्थान में पिछड़े समुदाय के किसी जाट नेता पर दांव खेला जा सकता है. तीनों राज्यों में लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखकर बीजेपी  अपना दांव चलेगी. वैसे भी बीजेपी राजनीतिक प्रयोग करने के लिए जानी जाती है. इस तरह के प्रयोग पार्टी पहले भी कर चुकी है. रामनाथ कोविंद को जो एससी समाज से आते हैं उनको राष्ट्रपति बनाकर बीजेपी ने सभी को चौंका दिया था. इसके बाद बीजेपी ने पहली आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया.

 

नए चेहरों को मौका देने में बीजेपी आगे
बीजेपी नए चेहरों को मौका देने में आगे हैं. कई ऐसे चेहरों को अलग- अलग राज्यों में बीजेपी ने मौका दिया है, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते थे. बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश में पुष्कर धामी को मुख्यमंत्री बनाकर नए चेहरे को मौका दिया. इसके पहले तीरथ सिंह को मौका दिया था जो ज्यादा दिनों तक पद में नहीं रह पाए. महाराष्ट्र में देवेद्रं फड़णवीस को और यूपी में योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाकर नए चेहरों को मौका दिया. 

 

छत्तीसगढ़ में रेणुका सिंह को बीजेपी बना सकती है सीएम
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए कई नाम रेस में हैं, लेकिन सबसे आगे रेणुका सिंह का नाम चल रहा है. हाल ही में वह भरतपुर सोनहत से विधानसभा चुनाव जीती हैं. रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ से आदिवासी महिला विधायक का बड़ा चेहरा हैं. रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ से इकलौती केंद्रीय राज्य मंत्री हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनपद पंचायत चुनाव से की थी. वह साल 1999 में पहली बार जनपद पंचायत की सदस्य बनी थीं. उसके बाद साल 2000 में बीजेपी ने उनको रामानुजनगर मंडल का अध्यक्ष बना दिया. 2003 में रेणुका सिंह पहली बार सरगुजा संभाग की रामानुजनगर विधानसभा से विधायक चुनी गईं. 


छत्तीसगढ़ में कितने फीसदी हैं आदिवासी
छत्तीसगढ़ राज्य त्रिपुरा, झारखंड और ओडिशा की तरह आदिवासी राज्य है. छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश से अलग एक नये राज्य़ के रूप में बनाने की मांग के पीछे आदिवासियों की बहुल आबादी को पिछड़ेपन को दूर करना था. छत्तीसगढ़ में 34.% आदिवासियों की आबादी है. छत्तीसगढ़ की कुल 90 विधानसभा सीटों में 29 विधानसभा सीटें अनुसूचित जन जाति के लिए आरक्षित हैं. राज्य में आदिवासी राजनीतिक तौर पर ज्यादा ताकतवर हैं. दूसरी खासियत यह है कि पूरे राज्य में आदिवासियों की अच्छी तादात है. हालांकि यहां कांग्रेस ने पहले मुख्यमंत्री के तौर पर आदिवासी नौकरशाह अजीत जोगी को मुख्यमंत्री बनाया था.


ST के लिए आरक्षित 29 सीटों में बीजेपी ने 16 जीती 
छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा क्षेत्रों में आदिवासी सीटों की संख्या 29 हैं. इसमें 16 सीटों पर भाजपा जीती है. जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में 29 ST सीटों में से 26 पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया था. बाद में हुए उपचुनावों के बाद कांग्रेस ने इन 29 में से 28 सीटें अपने नाम कर लीं. जाहिर है कि आदिवासियों के लिए सुरक्षित सीटों पर कांग्रेस का दबदबा है.


छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा की सीटें 
छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा की सीटें हैं, जिनमें 3 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं. इन आरक्षित सीटों पर 2019 के लोकसभा चुनाव में 2 सीट पर कांग्रेस और एक सीट पर बीजेपी जीती थी. साल 2000 में छत्तीसगढ़ का गठन हुआ था. 2003 के बाद से विधानसभा और लोकसभा में बीजेपी का दबदबा रहा है. राज्य के गठन के बाद से कांग्रेस ने यहां की 11 में से सिर्फ़ 1 या 2 सीटें ही जीती हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी के बीच वोटों का अंतर 10 फ़ीसदी से भी कम था. हालांकि विधानसभा चुनावों में बीजेपी का वोट शेयर साल 2013 से लगातार कम हो रहा है.

2013 में बीजेपी का वोट शेयर जहां 41 फ़ीसदी था वो 2018 में 32 फ़ीसदी रह गया. कुल मिलाकर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में सारी सीटें जीतने के लिए बीजेपी राज्य में पहली महिला और आदिवासी चेहरे रेणुका सिंह को मुख्यमंत्री बना सकती है. बीजेपी को भविष्य में इसका लाभ छत्तीसगढ़ समेत त्रिपुरा, झारखंड और ओडिशा में भी मिल सकता है.

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05 December 2023, 08:01 PM IST

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