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Meerut News : मेरठ के इस जिले के जंगल से जुड़ी है 12 गांवों की आस्था, पेड़ की टहनी काटने पर भी लगता है पाप

Meerut : मेरठ में एक ऐसा जंगल है जहां पेड़ क्या टहनी काटने पर भी माता सजा देती है. लोगों का कहना है कि अगर किसी ने यहां पेड़ काटा तो उसके साथ बुरी घटना घटित होती है.

Meerut : भारत में वर्षों से ही जंगल बचाओ को लेकर कई तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं. जिससे जंगल के पेड़-पौधों से प्रदूषण कम होता है. पेड़ों से हमे ऑक्सीजन मिलता है. लेकिन बार लड़की की प्राप्ति के लिए या आवास निर्माण के उद्देश्य से जंगलों को साफ किया जाता है.

लेकिन क्या आप जानते हैं मेरठ में एक ऐसा जंगल है जहां पेड़ क्या टहनी काटने पर भी माता सजा देती है. दरअसल प्रदेश के बढ़ला-कैथवाडी गांव का पुराना वन अपने आफ में मिसाल है. यहां पर 12 गांव के लोगों की जंगल के प्रति आस्था पर्यावरण प्रेमियों को प्रेरणा देता है.

क्या है कहानी

मेरठ के बढ़ला-कैथवाडी जंगल में पेड़ ही नहीं बल्कि सूखी टहनी काटना भी मना है. यहां का एक देवा मंदिर भी झांडे वाली देवी के नाम से प्रसिद्ध है. लोगों का कहना है कि अगर किसी ने यहां पेड़ काटा तो उसके साथ बुरी घटना घटित होती है. जैसे लकवा मारना, बीमारी, परिवार में जन हानि, अर्थिक नुकसान जैसी अनहोनी होती है. स्थानीय लोगों के अनुसार कई ऐसी घटनाएं सामने आई है जब किसी ने पेड़ों को क्षति पहुंचाई तो उसके साथ अच्छा नहीं हुआ.

जंगल से जुड़ी है ये कथा

स्थानीय लोगों के अनुसार 25 से 30 साल पहले गांव के एक व्यक्ति ने विरोध के बाद भी अपने दोस्तों के साथ हरा भरा पेड़ कटवा कर 300 रुपये में बेच दिया था. वहीं उस व्यक्ति पर 60 बीघा जमीन व भरा पूरा परिवार था. लेकिन वर्तमान में न उसके पास कोई संपत्ति है और न ही उसके परिवार का कोई सदस्य बचा है. आपको बता दें कि जंगल और झांडे वाली देवी के प्रति गांव वाला का विश्वास पीढ़ियो से चला आ रहा है.

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09 July 2023, 03:36 PM IST

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