पानी के प्रोजेक्ट पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर तिलमिलाईं महबूबा मुफ्ती, बोलीं- भड़काऊ और गैर-जिम्मेदाराना
तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट को लेकर उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बीच सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई, जिसमें दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर राजनीतिक आरोप लगाए.

जम्मू-कश्मीर की सियासत एक बार फिर गरमा गई है और इस बार बहस की वजह बना है तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बीच सोशल मीडिया पर तीखी बहस देखने को मिली, जहां दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर करारे वार किए. ये विवाद ऐसे समय में उठा है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है और हाल ही में भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है.
उमर अब्दुल्ला ने जहां इस परियोजना को फिर से शुरू करने की मांग की है, वहीं महबूबा मुफ्ती ने इसे 'उकसाने वाला' और 'गैर-जिम्मेदाराना' बताया है. मामला केवल जल परियोजना तक सीमित नहीं रहा, बल्कि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के राजनीतिक इतिहास और नीयत पर भी सवाल उठा दिए.
'ये हमारा अधिकार है': उमर अब्दुल्ला
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि वुलर झील, उत्तर कश्मीर में स्थित है. ये वही जगह है जहां तुलबुल नेविगेशन बैराज का निर्माण शुरू हुआ था, लेकिन पाकिस्तान के दबाव में इसे रोकना पड़ा. अब जब सिंधु जल संधि को स्थगित किया गया है, मुझे आशा है कि इस परियोजना को फिर से शुरू किया जा सकेगा. उमर अब्दुल्ला का मानना है कि इस परियोजना से झेलम नदी का नौवहन फिर से शुरू हो सकता है और सर्दियों के मौसम में बिजली उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होगी. उन्होंने सिंधु जल संधि को इतिहास में जम्मू-कश्मीर के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात बताया.
'गैर-जिम्मेदार और भड़काऊ बयान': महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी को गैर-जिम्मेदार और भड़काऊ करार दिया. उन्होंने कहा कि जब दोनों देश युद्ध के मुहाने से पीछे हटे हैं और जम्मू-कश्मीर में जान-माल का नुकसान हुआ है, ऐसे समय में इस तरह के बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण है. महबूबा ने आगे कहा कि पानी जैसे जीवनदायिनी संसाधन को हथियार बनाना ना केवल अमानवीय है बल्कि ये द्विपक्षीय मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बना सकता है.
'पाकिस्तान को खुश करने की कोशिश': उमर
महबूबा की आलोचना पर तीखा जवाब देते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आप सस्ती लोकप्रियता पाने और पाकिस्तान में बैठे कुछ लोगों को खुश करने की कोशिश कर रही हैं. मैं इस अन्यायपूर्ण संधि का हमेशा विरोध करता रहा हूं और करता रहूंगा. उमर ने कहा कि ये कोई युद्ध भड़काने वाली बात नहीं है, बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के जल अधिकारों को लेकर ऐतिहासिक अन्याय को सुधारने का प्रयास है.
'शेख अब्दुल्ला को याद करें': महबूबा का पलटवार
महबूबा मुफ्ती ने तीखे अंदाज में कहा कि समय बताएगा कि असली तुष्टीकरण कौन कर रहा है. ये याद दिलाना उचित होगा कि आपके दादा शेख साहब सत्ता गंवाने के बाद दो दशकों तक पाकिस्तान के पक्ष में रहते थे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पीडीपी ने हमेशा अपने वादों और मूल्यों को बनाए रखा है, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस का इतिहास राजनीतिक अवसरवाद से भरा हुआ है.
'पानी रोक नहीं रहा, सिर्फ अपना हक मांग रहा हूं'
उमर अब्दुल्ला ने लिखा- आप जिसे चाहें उनके हितों की बात करें, मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए उनकी नदियों पर हक की बात करता रहूंगा. मैं पानी रोकने की बात नहीं कर रहा, बस उसका इस्तेमाल अपने लिए करना चाहता हूं. अब मैं असली काम करूं, आप पोस्ट करती रहें.


