संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से होगा शुरू, सेशन में कई अहम बिलों पर होगी चर्चा
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा, जो ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद का पहला सत्र होगा.

Parliament's Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र इस बार 21 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा. ये फैसला कैबिनेट की संसदीय मामलों की समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है, जिसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया है. ये सत्र विशेष रूप से अहम माना जा रहा है क्योंकि ये हालिया ऑपरेशन सिंदूर और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद संसद का पहला सत्र होगा.
सूत्रों के अनुसार, सरकार संसद के नियमों और प्रक्रिया के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर चर्चा के लिए तैयार है, बशर्ते विपक्ष इसकी मांग करे. ऐसे में ये सत्र राजनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.
विपक्ष को साथ लेने की कवायद में किरेन रिजिजू
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी और डीएमके समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं से संपर्क साधा है. ये प्रयास न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के महाभियोग प्रस्ताव को लेकर किए जा रहे हैं. सूत्र के अनुसार, ये कोई राजनीतिक मामला नहीं है. ये भ्रष्टाचार से जुड़ा एक गंभीर विषय है. सरकार चाहती है कि सभी दल इस पर एकजुट होकर आगे बढ़ें. ये प्रस्ताव सभी दलों की ओर से आना चाहिए. अधिकांश राजनीतिक दलों ने कहा है कि वे कल तक जवाब देंगे.
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 4, 2025
किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
हाल ही में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा पाक के कब्जे वाले कश्मीर में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने ना केवल भारत के सैन्य ताकत को दर्शाया है, बल्कि इसकी रणनीतिक परतें अब संसद में चर्चा का विषय भी बन सकती हैं. इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर घाटी की सुरक्षा स्थिति को चर्चा के केंद्र में ला दिया है.
बता दें कि किसी जज को पद से हटाने (महाभियोग) के लिए लोकसभा में कम से कम 100 सांसदों और राज्यसभा में कम से कम 50 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है, तभी महाभियोग प्रस्ताव पेश किया जा सकता है.


