चरमपंथी हिंसा में 63% की गिरावट, आतंकी घटनाओं में भी कमी; NCRB रिपोर्ट में सामने आए आंकड़े
NCRB Report: NCRB रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में देशभर में चरमपंथी हिंसा, विद्रोह और आतंकी घटनाओं में गिरावट दर्ज हुई है, जिससे आम नागरिकों की मौतें कम हुईं.

NCRB Report: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों से साफ हुआ है कि साल 2023 में देशभर में चरमपंथी हिंसा, विद्रोह और आतंकी घटनाओं में भारी कमी आई है. यह गिरावट 2022 की तुलना में बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आम नागरिकों की मौतों का आंकड़ा भी कम हुआ है. हालांकि, रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि इस दौरान पुलिस और सुरक्षाबलों के शहीद होने की संख्या में इजाफा हुआ है.
NCRB के मुताबिक, चरमपंथ और आतंकवाद से जुड़े मामलों में जहां व्यापक कमी आई है, वहीं कुछ चिंताजनक पहलू भी देखे गए हैं. मणिपुर हिंसा ने पूर्वोत्तर में सबसे गंभीर स्थिति पैदा की, जबकि जम्मू-कश्मीर में आपराधिक मामलों में गिरावट दर्ज की गई है. इसके साथ ही, चरमपंथियों द्वारा हथियार और गोला-बारूद लूटने के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है.
2023 में चरमपंथी घटनाओं में आई भारी गिरावट
NCRB रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में चरमपंथ, विद्रोह और आतंकवादी हिंसा के कुल 446 मामले दर्ज हुए थे, जो 2023 में घटकर 163 रह गए. इसमें वामपंथी उग्रवाद, जिहादी आतंकवाद और पूर्वोत्तर के विद्रोही मामले शामिल हैं.
-
जिहादी आतंकवाद: 2022 में 126 मामले दर्ज हुए थे, जो 2023 में घटकर सिर्फ 15 रह गए.
-
पूर्वोत्तर में विद्रोह: 2022 के 26 मामलों की तुलना में 2023 में सिर्फ 10 दर्ज किए गए.
-
वामपंथी चरमपंथ: मामलों में 44% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई.
आत्मसमर्पण के मामलों में कमी
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2023 में 318 चरमपंथियों ने आत्मसमर्पण किया, जबकि 2022 में यह संख्या 417 थी. इस लिहाज से आत्मसमर्पण के मामलों में लगभग 23% की गिरावट दर्ज की गई है.
हथियार और कारतूस की लूट में इजाफा
एक ओर जहां हिंसक घटनाओं में गिरावट आई है, वहीं दूसरी ओर चरमपंथियों द्वारा हथियार और कारतूस लूटने की घटनाओं में जबरदस्त उछाल देखा गया.
-
2022 में सिर्फ 36 हथियार और 99 कारतूस लूटे गए थे.
-
2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 706 हथियार और 19,946 कारतूस हो गया.
पूर्वोत्तर में सबसे ज्यादा हिंसा मणिपुर में
पूर्वोत्तर क्षेत्र में 2023 में सबसे ज्यादा हिंसक घटनाएं और दंगे मणिपुर में दर्ज किए गए. रिपोर्ट के अनुसार, मई 2023 से इंफाल घाटी में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष ने राज्य को अशांत बनाए रखा.
-
2023 में मणिपुर में 14,427 हिंसक अपराध दर्ज हुए, जबकि 2022 में यह संख्या मात्र 631 और 2021 में 545 थी.
-
अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराध/अत्याचार के सबसे अधिक मामले भी मणिपुर में ही दर्ज किए गए. मणिपुर के बाद असम दूसरे स्थान पर रहा, जहां 2023 में 11,552 घटनाएं सामने आईं.
जम्मू-कश्मीर में अपराधों में गिरावट
जम्मू-कश्मीर में 2021 से 2023 के बीच अपराधों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है.
-
2021 में कुल 31,675 आपराधिक मामले दर्ज हुए थे.
-
2022 में यह संख्या घटकर 30,197 हो गई.
-
2023 में और कमी आई और यह आंकड़ा 29,595 पर आ गया.
यानी 2021 से 2023 के बीच कुल 2,080 मामलों की कमी देखी गई.


