Odisha: सुंदरगढ़ सीमेंट फैक्ट्री में दर्दनाक हादसा, 8 मजदूर मलबे में फंसे, 63 निकाले गए सुरक्षित
Odisha Cement Factory Accident: ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में एक सीमेंट फैक्ट्री में बड़ा हादसा हुआ, जब ‘‘कोल हॉपर’’ नाम का लोहे का ढांचा अचानक गिर गया. इस हादसे में 63 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, जबकि 8 मजदूर अब भी मलबे में फंसे हुए हैं. घटना के समय फैक्ट्री में दर्जनों मजदूर काम कर रहे थे. राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है, जिसमें क्रेन और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

Odisha Cement Factory Accident: ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में स्थित एक सीमेंट फैक्ट्री में बड़ा हादसा हुआ है. फैक्ट्री के भीतर ‘कोल हॉपर’नाम का लोहे का एक बड़ा ढांचा अचानक गिर गया, जिससे कई मजदूर इसके नीचे फंस गए. राहत और बचाव कार्य जोरों पर है, और अब तक 63 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है. हालांकि, 8 मजदूर अब भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं.
यह हादसा तब हुआ जब फैक्ट्री में दर्जनों मजदूर काम कर रहे थे. मौके पर क्रेन और एंबुलेंस पहुंच चुकी हैं, और स्थानीय पुलिस एवं बचाव दल तेजी से मलबा हटाने और मजदूरों को बाहर निकालने में जुटे हुए हैं.
कैसे हुआ हादसा?
राजगांगपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक एम. प्रधान ने बताया कि ‘‘लोहे का बड़ा ढांचा कोल हॉपर अचानक गिर गया, जिससे कई मजदूर उसके नीचे दब गए.’’ उन्होंने यह भी कहा कि मलबा हटाने का काम जारी है और क्रेन की मदद ली जा रही है. अभी तक किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कुछ मजदूरों के अंदर फंसे होने की आशंका जताई जा रही है.
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
घटनास्थल पर बचाव कार्य में क्रेन और अन्य उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है. स्थानीय पुलिस और राहत कर्मी मजदूरों को निकालने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. मलबा हटाने का काम तेजी से किया जा रहा है ताकि फंसे हुए लोगों को जल्द से जल्द बचाया जा सके.
कोयला खदान हादसे की यादें ताजा
इस हादसे ने हाल ही में असम के दीमा हसाओ जिले में हुए कोयला खदान हादसे की याद दिला दी है। वहां चार खनिकों की मौत हो गई थी और पांच अन्य खदान में फंसे हुए थे. सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी.
प्रभावित परिवारों के लिए राहत की उम्मीद
सुंदरगढ़ हादसे के बाद सरकार और स्थानीय प्रशासन से उम्मीद है कि प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजे और पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी. इस तरह के हादसे न केवल सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े करते हैं, बल्कि श्रमिकों की जान के प्रति लापरवाही को भी उजागर करते हैं.


