पूर्वोत्तर राज्यों में ऑपरेशन जल राहत-2, मणिपुर, त्रिपुरा में बाढ़ प्रभावित इलाकों का राहत कार्य जारी
असम राइफल्स ने ऑपरेशन जल राहत II के तहत मणिपुर और त्रिपुरा में बाढ़ प्रभावितों के लिए बचाव, चिकित्सा और राहत कार्यों को सफलतापूर्वक जारी रखा है.

OP JAL RAHAT II: पूरा देश जब बाढ़ की आपदा से जूझ रहा है, तब पूर्वी कमांड के अधीन असम राइफल्स ने मानवता की सेवा में अपनी प्रतिबद्धता को फिर से साबित किया है. ऑपरेशन जल राहत II के तहत मणिपुर और त्रिपुरा में बचाव, राहत और चिकित्सा सहायता के कार्यों को बेहतरीन समन्वय के साथ लगातार जारी रखा है. स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर किए जा रहे ये प्रयास प्रभावित जनता के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहे हैं.
असम राइफल्स ने कुल 10 कॉलम तैनात किए हैं, जिनमें से आठ दक्षिण क्षेत्र के अंतर्गत और दो पूर्व क्षेत्र के अंतर्गत सक्रिय हैं. इसके अलावा, हाफलॉन्ग में एक अतिरिक्त कॉलम स्टैंडबाय पर रखा गया है, जिसे जरूरत पड़ने पर तुरंत तैनात किया जा सके. इस पूरी प्रक्रिया में असम राइफल्स ने Friends of the North East के अपने नारे को पूरी तरह सार्थक किया है.
असम राइफल्स के दक्षिणी क्षेत्र में बचाव कार्य
दक्षिणी क्षेत्र के अंतर्गत, असम राइफल्स के आठ कॉलम पोरामपाट, जेएनआईएमएस, वांखेई और वांगखेई में तैनात हैं. इन कॉलमों ने अब तक 2,629 नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. इसके साथ ही, 250 लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है. प्रभावित इलाकों में आवश्यक खाद्य सामग्री और पेयजल का वितरण भी जारी है, जिससे राहत कार्य सुचारू रूप से चल रहे हैं.
पूर्वी क्षेत्र में तेजी से राहत कार्य
पूर्वी क्षेत्र के दो कॉलम चंद्रपुर, रेशम बागान, भुतानखाल और कमरांगा इलाकों में सक्रिय हैं. यहां 200 से ज्यादा नागरिकों को बचाया गया और तत्काल चिकित्सा व भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई गई. ये कार्य असम राइफल्स की तत्परता और समर्पण का परिचायक हैं.
लोगों के लिए उम्मीद की किरण
असम राइफल्स की ये कार्यप्रणाली दर्शाती है कि संकट की घड़ी में वे ना केवल एक सैन्य बल हैं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत एक ऐसी संस्था हैं जो नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर जनता की हरसंभव सहायता करती हैं. 'Friends of the North East' के रूप में उनका ये नारा और प्रतिबद्धता यहां के लोगों के लिए उम्मीद की किरण बनी हुई है.


