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बड़ा हमला करना चाहता था पाकिस्तान, अमेरिका ने दी थी चेतावनी, सासंद समिति में बोले जयशंकर बोले- हम और कड़ा प्रहार करेंगे

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद समिति को भारत-पाक तनाव पर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत ने हर हमले का सख्त जवाब दिया और संघर्षविराम केवल सैन्य स्तर की वार्ता से हुआ, न कि किसी विदेशी मध्यस्थता से. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद छोड़ना होगा, तभी बातचीत संभव है. पीएम मोदी ने भी दोहराया कि भारत की नीति आतंकवाद के खिलाफ सख्त है और PoK की वापसी के बिना कोई वार्ता नहीं होगी.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सोमवार को संसद की सलाहकार समिति के सदस्यों को भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव और भारत की कूटनीतिक एवं सैन्य रणनीति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत ने पाकिस्तान की ओर से किसी भी हमले का सख्ती से जवाब दिया और साफ संदेश दिया कि "वे गोली चलाते हैं, हम गोली चलाते हैं; वे रुकते हैं, हम रुकते हैं". यह संदेश विदेशों में चिंतित सरकारों को भी दिया गया था.

अमेरिका की भूमिका पर स्पष्टता

इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने खुफिया जानकारी दी थी कि पाकिस्तान भारत में बड़ा हमला कर सकता है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, जयशंकर ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि यदि वह हमला करेगा, तो उसे उतने ही मजबूत जवाबी हमले के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 10 मई को घोषित संघर्ष विराम दोनों देशों के सैन्य कमांडरों की बातचीत का परिणाम था, न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का. यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे के विपरीत था, जिन्होंने कहा था कि तनाव कम करने में वाशिंगटन की मध्यस्थता थी.

भू-राजनीतिक समीकरणों पर चर्चा

जयशंकर ने समिति को बताया कि इस संकट के दौरान तुर्की और अज़रबैजान ही पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़े थे. वहीं, बड़ी संख्या में देशों ने या तो खुले तौर पर भारत का समर्थन किया या कम से कम सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर हमारा समर्थन किया. चीन की स्थिति पर उन्होंने कहा कि हालांकि बीजिंग ने पारंपरिक रूप से इस्लामाबाद के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखे हैं, लेकिन इस बार उसने पाकिस्तान को स्पष्ट समर्थन नहीं दिया.

संघर्ष विराम और भारत की नीति

जयशंकर ने कहा कि 10 मई को घोषित संघर्ष विराम समझौते से भारत की आतंकवाद के प्रति नीति में कोई बदलाव नहीं आया है. भारत की नीति स्पष्ट है: आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं. उन्होंने कहा कि युद्धविराम पाकिस्तानी सैन्य संचालन महानिदेशक स्तर की वार्ता का नतीजा था और यह किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का परिणाम नहीं था.

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत ने पाकिस्तान से कार्रवाई की उम्मीद में 15 दिन इंतजार किया, लेकिन जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया. उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद को अपनी "रोटी और मक्खन" की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, जो भारत के लिए अस्वीकार्य है. 
 

पाकिस्तान के साथ बातचीत की शर्तें

भारत ने यह स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी, आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और वांछित आतंकवादियों को सौंपने के बारे में चर्चा तक ही सीमित रहेगी.

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26 May 2025, 07:20 PM IST

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