पोहा, ड्रग्स और गर्लफ्रेंड... जयपुर जेल ब्रेक कांड में बड़ा खुलासा, 13 गिरफ्तार
जयपुर में चार कैदी अस्पताल जाते वक्त रिश्वत देकर फरार हो गए. पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें कॉन्सटेबल और रिश्तेदार शामिल थे.

जयपुर में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां 4 कैदी जो नियमित मेडिकल जांच के लिए जेल से बाहर निकले थे, वो अचानक वहां से फरार हो गए. ये घटना पुलिस के लिए शर्मसार करने वाली साबित हुई क्योंकि कैदियों की मदद करने वाले जेल के कॉन्सटेबल खुद थे. इस अनोखी साजिश में जेल से बाहर गए 4 कैदी, उनके साथ गए कांस्टेबल और उनके रिश्तेदार शामिल थे.
पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा किया और बताया कि 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें पांच कॉन्सटेबल, चार कैदी और उनके चार रिश्तेदार शामिल हैं. इन कैदियों ने अस्पताल जाने के नाम पर जेल से बाहर निकलने के लिए रिश्वत दी और शहर में कुछ घंटों की आजादी का आनंद लिया. पुलिस ने मामले की गहरी जांच की और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
कैसे फरार हुए कैदी?
रफीक बकरी, भंवर लाल, अंकित बंसल और करण गुप्ता, ये चारों कैदी एसएमएस अस्पताल में चिकित्सा जांच के लिए निर्धारित थे. लेकिन अस्पताल जाने के बजाय, उन्होंने कॉन्सटेबलों की मदद से रिश्वत दी और शहर में घूमने का प्लान बनाया. केवल एक कैदी अस्पताल पहुंचा, जबकि बाकी तीन ने अपना समय बाहर बिताया. शनिवार शाम 5:30 बजे की तय समय सीमा तक चारों कैदी वापस जेल नहीं लौटे.
पुलिस ने बताया कि ये पूरी घटना एक बिचौलिए के माध्यम से 25,000 रुपये में तय की गई थी. जेल के कॉन्सटेबलों को 5,000 रुपये का वादा किया गया था. डीसीपी (पूर्व) तेजस्विनी गौतम ने बताया कि रफीक और भंवर ने जलूपुरा के एक होटल में अपनी पत्नी और एक्स गर्लफ्रेंड से मुलाकात की थी, जहां रफीक की पत्नी को नशीले पदार्थों के साथ पकड़ा गया और एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया.
पुलिस ने कैसे पकड़ी ट्रैकिंग?
अंकित और करण को पुलिस ने हवाई अड्डे के पास स्थित एक होटल में ट्रैक किया, जहां वे पोहा खाते हुए देखे गए. होटल का कमरा अंकित की गर्लफ्रेंड ने बुक किया था. इसके बाद पुलिस ने करण के रिश्तेदार को 45,000 रुपये नकद और कई कैदी पहचान पत्रों के साथ पकड़ा.
जेल के अंदर से चल रहा था नेटवर्क
जेल सूत्रों ने बताया कि इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड एक दोषी था, जो अभी भी जेल के अंदर से ये पूरा ऑपरेशन चला रहा था. जांचकर्ताओं का कहना है कि इस मामले में 200 से ज्यादा इंटरसेप्ट किए गए फोन कॉल्स के आधार पर एक बड़ा रिश्वतखोरी और धमकियों का नेटवर्क सामने आया है.
पुलिस ने सवाई मान सिंह पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है और जयपुर सेंट्रल जेल में जांच और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. इस पूरे ऑपरेशन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की तहकीकात जारी है और जेल में चल रही अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा.


