विवादों की आहट के बीच संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, SIR, BLO समेत कई मुद्दों पर टकराव की संभावना
संसद का शीतकालीन सत्र कई विवादित मुद्दों के बीच शुरू हुआ है, जिसमें राष्ट्रीय हेराल्ड मामले, मतदाता सूची संशोधन और बंगाल में चुनाव अधिकारी की मौत जैसे विषय प्रमुख हैं. विपक्ष SIR प्रक्रिया, पर्यावरण प्रदूषण और राष्ट्रीय सुरक्षा पर विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है. इस दौरान 19 दिनों में 15 बैठकें होंगी और सरकार 14 बिल पेश करने की तैयारी में है.

नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र आज ऐसे समय शुरू होने जा रहा है जब कई संवेदनशील मुद्दे राजनीतिक टकराव को बढ़ाने की पूरी क्षमता रखते हैं. सबसे प्रमुख विवाद नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़ा है, जिसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच तकरार तेज होने की संभावना है. विपक्ष इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई मानते हुए संसद में जोरदार विरोध की तैयारी में है.
मतदाता सूची संशोधन पर बढ़ती राजनीतिक गर्मी
बंगाल में अधिकारी की मौत पर नई बहस
पश्चिम बंगाल में हुए इस हादसे को तृणमूल कांग्रेस ‘ओवरवर्क’ का नतीजा बता रही है और दावा कर रही है कि मौजूदा परिस्थितियों में SIR प्रक्रिया कर्मचारियों के लिए असुरक्षित साबित हो रही है. इस घटना के बहाने विपक्ष सरकार से जवाब मांगने की तैयारी में है और चुनाव आयोग की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं.
राष्ट्रीय सुरक्षा और पर्यावरण पर भी टकराव के आसार
सत्र से पहले हुए सर्वदलीय बैठक में शामिल 36 राजनीतिक दलों ने 10/11 दिल्ली ब्लास्ट और उससे जुड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा की मांग की है. इसके साथ ही दिल्ली और आसपास के इलाकों में बेहद खराब वायु गुणवत्ता को देखते हुए विपक्ष पर्यावरण प्रदूषण और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी बहस चाहता है. कांग्रेस ने खासतौर पर सुरक्षा व्यवस्था और प्रदूषण को लेकर सत्र में व्यापक चर्चा की मांग की है.
सरकार का आश्वासन और संभावित विधायी एजेंडा
सरकार ने हालांकि सत्र में किसी बड़े व्यवधान की संभावना से इंकार किया है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में किसी भी दल ने संसद चलने में बाधा डालने की बात नहीं कही. हालांकि उन्होंने माना कि कुछ नेता SIR को लेकर नाराजगी व्यक्त कर सकते हैं, लेकिन सरकार विपक्ष की बात सुनने को तैयार है. रिजिजू ने यह भी याद दिलाया कि संसद सभी दलों की है और हर मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम और परंपराएँ निर्धारित हैं.
19 दिनों में 15 बैठकें और 14 बिलों की तैयारी
शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कुल 15 बैठकें होंगी. इस दौरान सरकार की योजना 13 विधायी बिलों और एक वित्तीय विधेयक को पेश करने की है. ऐसे में यह सत्र राजनीतिक तनाव, महत्वपूर्ण बहसों और विधायी कामकाज दोनों के लिहाज से खासा महत्वपूर्ण रहने वाला है.


