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पहला मानवरहित प्लेटफ़ॉर्म बना ‘एयर कॉम्बैट चैम्पियन’, तुर्की के UAV ने BVR मिसाइल से जेट ध्वस्त किया

तुर्की ने रक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ा इतिहास रचते हुए दुनिया के सामने अपनी नई शक्ति का प्रदर्शन कर दिया है. बिना पायलट वाले लड़ाकू विमान Bayraktar Kızılelma ने परीक्षण के दौरान एक जेट-चालित विमान को बियोंड-विजुअल-रेंज यानी दृष्टि सीमा से बाहर मार करने वाली मिसाइल से सफलतापूर्वक गिरा दिया. 

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

तुर्की ने रक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ा इतिहास रचते हुए दुनिया के सामने अपनी नई शक्ति का प्रदर्शन कर दिया है. देश के पहले बिना पायलट वाले लड़ाकू विमान Bayraktar Kızılelma ने परीक्षण के दौरान एक जेट-चालित विमान को बियोंड-विजुअल-रेंज यानी दृष्टि सीमा से बाहर मार करने वाली मिसाइल से सफलतापूर्वक गिरा दिया. 

हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल

यह उपलब्धि इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि पहली बार किसी मानवरहित लड़ाकू प्लेटफ़ॉर्म ने हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल का उपयोग करके किसी तेज रफ्तार लक्ष्य को निशाना बनाया है. रविवार को जारी बयान में UAV विकसित करने वाली तुर्की की प्रमुख रक्षा कंपनी Baykar ने बताया कि किज़िलेइलमा ने देश में ही विकसित की गई GÖKDOĞAN एयर-टू-एयर मिसाइल दागी, जिसने उच्च गति से उड़ रहे जेट लक्ष्य को सटीकता से भेद दिया. 

कंपनी के अनुसार, यह मिसाइल विमान के पंखों के नीचे से तब छोड़ी गई जब लक्ष्य को ASELSAN द्वारा निर्मित MURAD AESA रडार के माध्यम से पहचान कर ट्रैक कर लिया गया. तुर्की के इतिहास में पहली बार किसी राष्ट्रीय विमान ने स्वदेशी रडार की मदद से तैयार की गई मिसाइल को किसी वास्तविक हवाई लक्ष्य पर दागा.

Baykar ने कहा कि इस सफलता ने किज़िलेइलमा को दुनिया का पहला और एकमात्र ऐसा मानवरहित लड़ाकू विमान बना दिया है, जिसकी हवाई युद्ध क्षमता आधिकारिक रूप से प्रमाणित हो चुकी है. यह उपलब्धि आधुनिक युद्ध क्षमता में UAV की भूमिका को नई दिशा देने वाली है.

परीक्षण के दौरान किज़िलेइलमा के साथ तुर्की वायुसेना के मेरज़िफ़ोन एयरबेस से उड़ान भरने वाले पांच F-16 लड़ाकू विमान भी शामिल हुए, जिन्होंने उसके साथ संयुक्त उड़ान बनाई. यह परीक्षण मानवयुक्त और मानवरहित प्लेटफ़ॉर्म के बीच तालमेल को परखने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

किज़िलेइलमा की सबसे बड़ी विशेषता क्या? 

किज़िलेइलमा की सबसे बड़ी विशेषता इसका लो-रडार सिग्नेचर, उन्नत सेंसर सिस्टम और दूर से ही दुश्मन विमानों का पता लगाने की क्षमता है, जबकि यह स्वयं रडार पर कम दिखाई देता है. इसमें MURAD AESA रडार और TOYGUN टार्गेटिंग सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकें शामिल की गई हैं. इसके अलावा यह कई प्रकार के स्वदेशी हथियारों को भी ले जाने में सक्षम है.

इससे पहले हुए परीक्षणों में किज़िलेइलमा ने TOLUN और TEBER-82 गाइडेड म्यूनिशन का उपयोग करते हुए अपने लक्ष्यों पर सीधे प्रहार किए थे. नवीनतम परीक्षण इसकी युद्ध क्षमता को और मजबूत प्रमाणित करते हैं और इसे भविष्य के हवाई युद्ध के लिए अत्यंत प्रभावी प्लेटफ़ॉर्म बनाते हैं.

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30 November 2025, 11:11 PM IST

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